Ranchi News : रांची के ऐतिहासिक जगन्नाथपुर रथ मेला 2025 को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह से सक्रिय है। 27 जून से 5 जुलाई 2025 तक चलने वाले इस धार्मिक और सांस्कृतिक मेले के सफल आयोजन हेतु 26 मई 2025 को समाहरणालय ब्लॉक-ए स्थित सभागार में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक की अध्यक्षता उपायुक्त सह प्रशासकीय पदाधिकारी मंजूनाथ भजन्त्री ने की।
बैठक में विभिन्न प्रशासनिक अधिकारियों के साथ-साथ जगन्नाथपुर मंदिर न्यास समिति के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे। इनमें अपर दंडाधिकारी (विधि व्यवस्था) राजेश्वर नाथ आलोक, अनुमंडल पदाधिकारी सदर उत्कर्ष कुमार, नगर पुलिस अधीक्षक राजकुमार मेहता, आवासीय दंडाधिकारी हटिया शायनी तिग्गा, न्यास समिति के प्रभारी अध्यक्ष रनेंद्र कुमार, सचिव मिथलेश कुमार, उपाध्यक्ष अशोक नारसरिया, कोषाध्यक्ष विनोद कुमार, प्रथम सेवक ठाकुर सुधांशु नाथ शाहदेव और अन्य सदस्य शामिल रहे।
अतिक्रमण मुक्त होगा मेला क्षेत्र
उपायुक्त ने निर्देश दिया कि रथ मेला के दौरान मंदिर परिसर और आसपास के पूरे क्षेत्र को अतिक्रमण से मुक्त कराया जाए ताकि श्रद्धालुओं को दर्शन व पूजा में कोई परेशानी न हो। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की असुविधा से बचने के लिए पहले से ही साफ-सफाई और यातायात की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए।
झूलों की सुरक्षा रहेगी प्राथमिकता
मेले में लगने वाले झूलों की सुरक्षा को लेकर उपायुक्त ने सख्त निर्देश दिए। उन्होंने संबंधित पदाधिकारियों से कहा कि सभी झूला संचालक सुरक्षा मानकों का पालन करें और उनके पास वैध प्रमाणपत्र भी उपलब्ध हों। किसी भी स्थिति में किसी दुर्घटना की संभावना नहीं रहनी चाहिए।
30 बिंदुओं पर की गई चर्चा
बैठक में जगन्नाथपुर रथ मेला के सफल आयोजन के लिए कुल 30 बिंदुओं पर चर्चा की गई और सभी पर गंभीरता से विचार हुआ। इनमें प्रमुख बिंदु थे:-
- मेला क्षेत्र के प्रमुख प्रवेश बिंदुओं पर वॉच टावर व CCTV लगाना।
- स्वच्छ पेयजल और बिजली/जनरेटर की व्यवस्था।
- गड्ढों को भरने के लिए मोरम, छाई या स्टोन डस्ट का प्रयोग।
- पूरे परिसर में सफाई व ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव।
- चिकित्सक व एंबुलेंस की तैनाती।
- चलंत शौचालय की व्यवस्था।
- अग्निशमन वाहन की उपलब्धता।
- मांस, मछली और शराब की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध।
- प्रशासनिक और मीडिया शिविर की व्यवस्था।
- स्वयंसेवकों के पहचान पत्र और नाश्ते-पानी की सुविधा।
- रथ निर्माण के लिए लकड़ी और बांस की व्यवस्था।
- रथ की रस्सी की समुचित व्यवस्था।
- नीलाद्री भवन में VIP लॉन्ज, जिसमें राज्यपाल और मुख्यमंत्री सहित अतिथियों के लिए व्यवस्था।
- मंदिर मार्ग से भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक।
- मुख्य मंदिर व मौसी बड़ी परिसर में पुरुष और महिला सुरक्षा बलों की तैनाती।
- मंदिर सभागार के पीछे असामाजिक तत्वों की रोकथाम।
- रथ मेला के वृहद प्रचार-प्रसार की योजना।
- नेत्रदान महोत्सव की सुरक्षा व्यवस्था।
- नीलाद्री भवन और राजकीय मध्य विद्यालय को पुलिस कंट्रोल रूम में तब्दील करना
राजकीय मेला का दर्जा दिलाने के लिए पत्राचार
बैठक में इस ऐतिहासिक रथ मेला को ‘राजकीय मेला’ का दर्जा दिलाने को लेकर पत्राचार करने का भी निर्णय लिया गया। उपायुक्त ने कहा कि यह मेला न सिर्फ धार्मिक, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। ऐसे में इसे राज्य स्तर पर मान्यता मिलनी चाहिए।
जिला प्रशासन की ओर से पूर्ण सहयोग का आश्वासन
उपायुक्त मंजूनाथ भजन्त्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि जिला प्रशासन रथ मेला के आयोजन को भव्य और सुरक्षित बनाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। उन्होंने सभी विभागों को निर्देश दिया कि सभी तैयारियां समयबद्ध रूप से पूरी हों और कोई भी कसर नहीं छोड़ी जाए। मंदिर न्यास समिति के साथ समन्वय बनाकर सभी कार्यों को धरातल पर उतारना है।
संपूर्ण तैयारी का संकल्प
बैठक के अंत में उपायुक्त ने कहा इस रथ मेला में लाखों श्रद्धालु भाग लेंगे और उनका अनुभव सुखद, सुरक्षित और श्रद्धा से भरपूर हो, यह प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। मेला की सफलता हम सभी की साझा जिम्मेदारी है और इसे सफल बनाने के लिए प्रशासन, मंदिर समिति और आम जनता को मिलकर प्रयास करने होंगे।