Jharkhand News: झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने विश्व सिकल सेल जागरूकता दिवस पर यूनिसेफ द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भाग लेते हुए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया। सीएम ने सिकल सेल से पीड़ित युवक-युवतियों से सीधा संवाद किया और उनकी समस्याएं सुनीं। उन्होंने कहा कि सिकल सेल केवल एक बीमारी नहीं, बल्कि यह मरीज और उसके परिवार की जीवनशैली को प्रभावित करने वाला एक गम्भीर आनुवांशिक विकार है, जिसे नियंत्रित करने की दिशा में झारखंड सरकार पूरी तरह संकल्पित है।
सीएम ने कहा कि अब झारखंड पीछे नहीं है। राज्य ने सिकल सेल की रोकथाम और इलाज के लिए व्यापक रणनीति अपनाई है। उन्होंने बताया कि राज्य में 25 लाख 94 हजार लोगों की जांच की जा चुकी है, जिनमें से केवल 2099 लोग सिकल सेल से ग्रसित पाए गए हैं, जो कुल आबादी का एक प्रतिशत से भी कम है। यह एक संगठित प्रयास और ठोस योजना का ही परिणाम है।
जन जागरूकता और स्क्रीनिंग पर जोर
सीएम ने कहा कि इस बीमारी की प्रारंभिक पहचान और समय पर इलाज बेहद जरूरी है। उन्होंने सिकल सेल की स्क्रीनिंग को बढ़ावा देने पर बल देते हुए कहा कि आम लोगों में इस बीमारी को लेकर जागरूकता का अभाव है। इस कारण कई लोग अनजाने में इसे अगली पीढ़ी तक पहुंचा देते हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि नवजात शिशुओं की स्क्रीनिंग अनिवार्य की जाए, जिससे समय रहते बीमारी का पता लगाकर समुचित उपचार संभव हो सके।
हेल्थ प्रोफाइल तैयार करना अहम कदम
सीएम ने बताया कि राज्य में नागरिकों का हेल्थ प्रोफाइल तैयार किया जा रहा है। इससे यह जानना आसान होगा कि कौन-कौन सी बीमारियां किस क्षेत्र में अधिक हैं और किस प्रकार की स्वास्थ्य सेवाएं वहां आवश्यक हैं। उन्होंने निर्देश दिया कि हेल्थ प्रोफाइल का डेटा नियमित रूप से अपडेट किया जाए ताकि रणनीति बनाते समय सटीक निर्णय लिए जा सकें।
सभी स्तरों पर हो रही कार्रवाई
सीएम ने बताया कि सिकल सेल की रोकथाम और उपचार के लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ यूनिसेफ और अन्य संस्थाएं भी लगातार काम कर रही हैं। उन्होंने यूनिसेफ की भूमिका की सराहना की और कहा कि राज्य सरकार लोगों के स्वास्थ्य अधिकारों के प्रति पूरी तरह संवेदनशील है।
सुविधाएं मिलें समय पर
सीएम ने निर्देश दिया कि सिकल सेल पीड़ितों को जांच, दवाइयां और रक्त की सुविधा समय पर उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग से कहा कि किसी भी मरीज को इलाज में परेशानी न हो, इसके लिए जिला स्तर से लेकर राज्य स्तर तक की व्यवस्था मजबूत की जाए।
हेल्थ काउंसलर की अहम भूमिका
उन्होंने हेल्थ काउंसलर्स की भूमिका को भी महत्वपूर्ण बताया। सीएम ने कहा कि इन बीमारियों की पहचान और परामर्श में काउंसलर्स अहम भूमिका निभाते हैं, इसलिए उन्हें आवश्यक प्रशिक्षण और किट्स मुहैया कराई जाएं। इससे वे लोगों की बेहतर सेवा कर सकें और आनुवांशिक बीमारियों की रोकथाम में सहयोगी बनें।
संक्रमितों से संवाद, समस्याएं सुनीं
सीएम ने सिकल सेल से पीड़ित युवतियों सुश्री आतिया कौशर, सुश्री स्नेहा तिर्की, सुश्री सान्या परवीन, श्रीमती विमला कुमारी और श्री अब्दुल हकीम अंसारी से बात की। युवतियों ने बताया कि बीमारी के कारण वे कक्षाएं और परीक्षा मिस कर देती हैं, जिससे पढ़ाई पर असर पड़ता है। सीएम ने भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार उनके लिए समाधान निकालेगी ताकि उनकी शिक्षा प्रभावित न हो।
कार्यक्रम में मौजूद अधिकारी
इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी, मुख्य सचिव श्रीमती अलका तिवारी, सीएम के अपर मुख्य सचिव श्री अविनाश कुमार, स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री अजय कुमार सिंह सहित यूनिसेफ झारखंड की प्रमुख डॉ. कनीनिका मित्रा, यूनिसेफ इंडिया के स्वास्थ्य प्रमुख डॉ. विवेक सिंह, संचार विशेषज्ञ सुश्री आस्था अलंग और डॉ. वनेश माथुर समेत कई अधिकारी उपस्थित थे।
कार्यक्रम के अंत में सीएम ने सिकल सेल जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया और नुक्कड़ नाटक के माध्यम से जागरूकता अभियान की सराहना की।