Ranchi : मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने राज्य में शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए आज 301 नव-नियुक्त सहायक आचार्यों को नियुक्ति पत्र सौंपे। झारखंड मंत्रालय में आयोजित समारोह में गणित एवं विज्ञान विषयों के 131 स्नातक प्रशिक्षित सहायक आचार्य तथा गोड्डा जिले के कक्षा 1 से 5 तक के 170 इंटर प्रशिक्षित सहायक आचार्यों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए गए।
मुख्यमंत्री ने सभी नव-नियुक्त शिक्षकों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि राज्य सरकार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयासरत है। उन्होंने कहा, “हमारी प्राथमिकता सरकारी विद्यालयों को निजी विद्यालयों के समकक्ष खड़ा करना है। आने वाली पीढ़ी को बेहतर भविष्य देने के लिए शिक्षकों की भूमिका बेहद अहम है।”
उन्होंने बताया कि राज्य में 26 हजार और शिक्षकों की बहाली की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। सीएम ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में कई बदलाव आए हैं। पहले बच्चे स्लेट पर पढ़ते थे, अब डिजिटल ब्लैकबोर्ड तक की सुविधा उपलब्ध है। इसलिए शिक्षकों को नई तकनीक और आधुनिक तरीकों को अपनाना होगा, ताकि बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा में कमी का खामियाजा आने वाली पीढ़ी को भुगतना पड़ता है। “आर्थिक रूप से कमजोर परिवार भी अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए हर संभव कोशिश करते हैं। आपको जो जिम्मेदारी दी जा रही है, वह आम जनता के टैक्स से मिले वेतन के साथ जुड़ी है। इसलिए अपने कर्तव्य का निर्वहन पूरी निष्ठा से करें,” उन्होंने कहा।
सीएम ने यह भी बताया कि उत्कृष्ट विद्यालयों की पहल से कई अभिभावक निजी स्कूलों से बच्चों का नाम कटवाकर सरकारी स्कूलों में दाखिला दिला रहे हैं। उन्होंने नव-नियुक्त शिक्षकों से आग्रह किया कि वे अपनी सेवाओं के माध्यम से सरकार के इस प्रयास को मजबूती दें और शिक्षा की गुणवत्ता को ऊंचाई तक पहुंचाएं।
इस अवसर पर मंत्री संजय प्रसाद यादव, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, शिक्षा सचिव उमा शंकर सिंह, परियोजना निदेशक शशि रंजन, प्राथमिक शिक्षा निदेशक मनोज रंजन सहित बड़ी संख्या में नए सहायक आचार्य और उनके परिजन मौजूद रहे। समारोह में शिक्षा व्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए शिक्षकों के सुझावों को आमंत्रित करने की बात भी मुख्यमंत्री ने कही।

