Chaibasa News: चाईबासा के माहौल में आज थोड़ी राहत महसूस हुई, जब जिले के सत्र न्यायाधीश विनोद कुमार सिंह ने नो एंट्री (No-entry) आंदोलन में गिरफ्तार 16 ग्रामीणों को बेल दे दी। ये सभी 24 दिनों से जेल में थे और लगातार रिहाई की मांग स्थानीय स्तर पर उठ रही थी।
नो-एंट्री (No-entry) आंदोलन से शुरू हुआ था विवाद
दरअसल, 27 अक्टूबर की रात ग्रामीणों और पुलिस-प्रशासन के बीच झड़प हुई थी। ग्रामीण अपने क्षेत्र में नो-एंट्री लागू करवाने की मांग पर अड़े थे। उनका कहना था कि भारी वाहनों की लगातार आवाजाही से सड़कें टूट रही हैं और गांवों में जान-माल की सुरक्षा खतरे में पड़ रही है। अगली ही सुबह, यानी 28 अक्टूबर को, इन 16 लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया।
गिरफ्तार लोगों में श्रीकांत मुंदुईया, साहिल बिरुवा, मनीष सामद, अविनाश कुदाद, रविन्द्र गगराई, साइमन तीयू, मनीष चंद्र सामड, नदीम शेख, दुबलिया कुंकल, सुमी लागुरी, नानिका पुरती, तुलसी पुरती, लक्ष्मी कुटिया, डुम्बी सवैयां, दुखनी सवैयां और शिवानी सवैयां शामिल हैं।
मामला बड़ा, आरोपियों की संख्या 500 से भी ज्यादा
मुफ्फसिल थाना में दर्ज कांड संख्या 171/2025 में 75 लोगों को नामजद किया गया था, जबकि करीब 500 अन्य अज्ञात ग्रामीणों पर भी मामला दर्ज है। इस वजह से इलाके में पिछले कई दिनों से तनाव बना हुआ था। गांवों में यह भी चर्चा थी कि जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया, वे सिर्फ प्रतिनिधि के तौर पर अपनी बात रख रहे थे।
रिहाई की खबर से गांव में खुशी, प्रशासन ने बढ़ाई चौकसी
जैसे ही बेल मिलने की खबर गांवों में पहुंची, परिवारों में खुशी की लहर दौड़ गई। कई लोग तैयारी में लग गए हैं कि कल जेल के बाहर सभी आंदोलनकारियों का स्वागत किया जाए। हालांकि, पुलिस प्रशासन रिहाई के दौरान पूरी निगरानी में रहेगा। सुरक्षा बढ़ा दी गई है, ताकि भीड़ के बीच कोई अप्रिय स्थिति न बने। ग्रामीण उम्मीद कर रहे हैं कि अब इस विवाद का कोई शांत समाधान निकलेगा और उनकी मुख्य मांग- नो-एंट्री- पर प्रशासन विचार करेगा।

