Bihar News: बिहार के भागलपुर जिलें के घंटाघर क्षेत्र स्थित एक मंदिर में बीमारियों के इलाज का ऐसा अनोखा तरीका अपनाया जा रहा है, जिसने लोगों को हैरान कर दिया है। यहां बीमार बच्चों के इलाज के लिए ‘अग्नि अनुष्ठान’ नामक एक परंपरा का पालन किया जा रहा है, जिसमें पुजारी आग का उपयोग करते हैं।
इस विधि के तहत बच्चों को पूरी तरह कपड़े में लपेटा जाता है, जिससे उनका शरीर आग के सीधे संपर्क में न आ सके। इसके बाद पुजारी मंत्रोच्चार करते हुए उनके ऊपर आग फेंकते हैं। इस प्रक्रिया के दौरान कई बार बच्चे डर से रोने लगते हैं, लेकिन परिजनों का दावा है कि इसी अग्नि शक्ति और आस्था के कारण उनके बच्चों की बीमारियां ठीक हो गई हैं।
पुजारी का कहना है कि यह कोई नया तरीका नहीं है, बल्कि एक पारंपरिक अग्नि अनुष्ठान है जो वर्षों से इस मंदिर में किया जा रहा है। उनका दावा है कि मंत्रों की शक्ति और ईश्वर की कृपा से रोग दूर हो जाते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि आग को सीधे शरीर से नहीं लगाया जाता, बल्कि सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाता है।
इस अनोखे ‘उपचार’ के लिए मंदिर में रोजाना सैकड़ों लोग आते हैं। दूर-दराज से भी लोग अपने बच्चों को लेकर यहां पहुंचते हैं। कई परिवारों का विश्वास है कि जहां आधुनिक इलाज फेल हो जाता है, वहां यह परंपरा असर दिखाती है।
हालांकि, इस प्रक्रिया को लेकर सवाल भी उठने लगे हैं। चिकित्सा विशेषज्ञों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का मानना है कि बच्चों के इलाज के नाम पर इस तरह आग का प्रयोग करना खतरनाक हो सकता है और यह बच्चों की मानसिक और शारीरिक सुरक्षा पर सवाल उठाता है। यह मामला अब सामाजिक बहस का विषय बनता जा रहा है कि क्या धार्मिक आस्था के नाम पर ऐसी जोखिम भरी परंपराएं सही हैं या इन पर रोक लगाई जानी चाहिए।