Ranchi News : झारखंड में उत्पाद नीति को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार को पत्र लिखकर राज्य की हेमंत सोरेन सरकार की प्रस्तावित नई उत्पाद नीति पर गंभीर आपत्ति जताई है। मरांडी ने अपने पत्र में सरकार की पूर्व की शराब नीतियों को भी विफल करार देते हुए कहा कि ये नीतियां न तो राज्य के राजस्व के हित में रही हैं और न ही छोटे व्यापारियों व बेरोजगार युवाओं के पक्ष में।
बाबूलाल मरांडी ने पत्र में लिखा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में पूर्व में दो बार शराब नीति लागू की गई, लेकिन इनसे कोई सकारात्मक परिणाम नहीं मिला। उन्होंने आरोप लगाया कि इन नीतियों से शराब माफियाओं को फायदा हुआ, जबकि राज्य को राजस्व का नुकसान हुआ और आम जनता से अधिक दाम पर शराब की बिक्री कर अवैध वसूली की गई।
नई नीति से छोटे व्यापारियों को नहीं मिलेगा लाभ
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रस्तावित नई उत्पाद नीति में भी ऐसे प्रावधान हैं जो बड़े शराब कारोबारियों को फायदा पहुंचाएंगे। उन्होंने बताया कि नई नीति में एक व्यक्ति या प्रतिष्ठान को राज्य में अधिकतम 36 दुकानें और जिला स्तर पर 9 दुकानें रखने की अनुमति दी गई है। इससे छोटे व्यापारियों को बराबरी का अवसर नहीं मिल पाएगा और शराब व्यापार पर एकाधिकार की स्थिति बन जाएगी। मरांडी ने यह भी कहा कि यदि सरकार पारदर्शी और समावेशी नीति बनाए, तो राज्य के राजस्व में वृद्धि के साथ-साथ समाज के कमजोर वर्गों को भी आर्थिक सशक्तिकरण का अवसर मिलेगा।
राज्यपाल से की गई मुख्य मांगें
- केंद्र सरकार की तरह राज्य सरकार भी शराब दुकानों के आवंटन में दलितों, आदिवासियों, महिलाओं, दिव्यांगों और पूर्व सैनिकों को प्राथमिकता दे।
- “एक व्यक्ति-एक दुकान” का प्रावधान लागू किया जाए ताकि अधिक से अधिक लोगों को व्यापार का अवसर मिले।
- राज्य सरकार द्वारा निजी क्षेत्रों में लागू किए गए 75 प्रतिशत स्थानीय आरक्षण को शराब दुकानों के आवंटन में भी लागू किया जाए।

