Ranchi : झारखंड की कला, संस्कृति और कलाकारों के लिए लगातार सक्रिय रहने वाले झारखंड कल्चरल आर्टिस्ट एसोसिएशन (JCAA) का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिला। इस मुलाकात का उद्देश्य राज्य सरकार द्वारा कलाकारों के हित में किए गए ऐतिहासिक निर्णयों के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद ज्ञापित करना था।
प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को आभार पत्र सौंपते हुए कहा कि राज्य सरकार ने संगीत नाटक अकादमी, ललित कला अकादमी और साहित्य अकादमी के गठन का जो ऐतिहासिक फैसला लिया है, वह झारखंड की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित और सशक्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
इसके अलावा CTMS पोर्टल (Culture Talent Management System) की शुरुआत को भी कलाकारों के लिए एक क्रांतिकारी बदलाव बताया गया। इस पोर्टल के माध्यम से राज्य के कलाकारों को सूचीबद्ध किया जाएगा और उन्हें सरकारी योजनाओं जैसे बीमा योजना, पहचान पत्र, पेंशन, छात्रवृत्ति जैसी सुविधाओं का लाभ मिल सकेगा।
प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को बताया कि संगीत नाटक अकादमी के गठन से राज्य की सांस्कृतिक नीति को नया आयाम मिलेगा। इसके तहत अखरा निर्माण, कला भवन, प्रशिक्षण केंद्र और फिल्म प्रदर्शन के लिए स्थायी मंच तैयार किए जाएंगे। यह पहल न सिर्फ झारखंड के पारंपरिक कलाकारों को मंच देगी, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी संस्कृति से जोड़ने में मदद करेगी।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रतिनिधिमंडल की बातें ध्यान से सुनीं और आश्वासन दिया कि सरकार न केवल कलाकारों के लिए बल्कि फिल्म इंडस्ट्री को भी आगे बढ़ाने के लिए गंभीर है। उन्होंने बताया कि राज्य में फिल्म सिटी के निर्माण की प्रक्रिया जल्द पूरी की जाएगी और इससे जुड़ी अन्य योजनाओं को भी तेजी से लागू किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने जो पहल की है, अब यह जरूरी है कि कलाकार स्वयं भी आगे आएं और सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करें। उन्होंने यह भी कहा कि झारखंड की कला और संस्कृति को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएंगे।
इस अवसर पर JCAA के संरक्षक पद्मश्री मधु मंसूरी हंसमुख, मुख्य सलाहकार नंदलाल नायक, अध्यक्ष राजकुमार नागवंशी, सचिव राकेश रमण और कार्यकारिणी सदस्य डॉ. सुशील कुमार अंकन, श्रीकांत इंदवार, बंदी उरांव, अमित तिर्की, तथा राहुल महली उपस्थित रहे।
प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को यह भी सुझाव दिया कि आने वाले समय में राज्य स्तरीय कला महोत्सव और फिल्म पुरस्कार समारोह का आयोजन किया जाए, जिससे स्थानीय कलाकारों को प्रोत्साहन मिले और झारखंड की सांस्कृतिक छवि और मजबूत हो।

