Ranchi : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज झारखंड पेसा नियमावली को लेकर अपने आवासीय कार्यालय में एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में पेसा कानून के विभिन्न उपबंधों और उनके प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर गहन चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के अनुसूचित क्षेत्रों में पारंपरिक स्थानीय स्वशासन व्यवस्था को मजबूत करने के लिए पेसा कानून एक महत्वपूर्ण माध्यम है और इसके क्रियान्वयन में किसी भी तरह की कोताही नहीं होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि पेसा कानून के तहत ग्राम सभाओं को दिए गए अधिकारों और जिम्मेदारियों को व्यवहारिक रूप से लागू किया जाए ताकि जनजातीय समुदायों को वास्तविक लाभ मिल सके। उन्होंने यह भी कहा कि पेसा नियमावली के प्रावधानों का ऐसा कार्यान्वयन हो जिससे आदिवासी क्षेत्रों में सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण संभव हो।
बैठक में मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, प्रधान सचिव वंदना दादेल, एम.आर. मीणा, विधि विभाग के प्रधान सचिव नीरज कुमार श्रीवास्तव सहित कई वरीय अधिकारी उपस्थित रहे। इसके अलावा पंचायत, खान, वन और अन्य संबंधित विभागों के सचिव व निदेशक स्तर के अधिकारी भी बैठक में शामिल हुए।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि पेसा कानून का उद्देश्य केवल प्रशासनिक विकेंद्रीकरण नहीं, बल्कि आदिवासी समुदायों की भागीदारी और स्वशासन की परंपरा को मजबूत करना है। उन्होंने सभी विभागों को आपसी समन्वय के साथ काम करने और नियमावली को व्यवहारिक रूप से लागू करने का निर्देश दिया।