Jharkhand News: शहर के विभिन्न हिस्सों में दिहाड़ी पर काम करने वाले मजदूरों ने बीते दो दिनों से कार्य का बहिष्कार कर दिया है। उनकी मांगें हैं कि उन्हें स्थाई रूप से खड़े होने की जगह उपलब्ध कराई जाए और उनकी मजदूरी दरों में बढ़ोतरी की जाए। मजदूरों ने चेतावनी दी है कि जब तक उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया जाएगा, वे काम पर नहीं लौटेंगे।
मजदूरों की यह हड़ताल मुख्य रूप से मानगो गोलचक्कर, आजाद नगर थाना क्षेत्र के चेपा पुल और रोड नंबर 15 जैसे प्रमुख स्थानों पर देखी गई, जहां हर दिन सैकड़ों मजदूर काम की तलाश में खड़े रहते हैं। वर्तमान में महिला मजदूरों (रेजा) को 300-350 रुपये, पुरुष मजदूरों (लेबर) को 400 रुपये और राजमिस्त्रियों को 600 से 700 रुपये प्रतिदिन मिलते हैं। मजदूरों की मांग है कि रेजा को 500 रुपये, लेबर को 600 रुपये और मिस्त्री को कम से कम 700 रुपये से अधिक भुगतान किया जाए।
मजदूरों का आरोप है कि रोड नंबर 15 पर एक ठेकेदार ने कुछ मजदूरों के साथ मारपीट की और उन्हें वहां खड़ा होने से मना कर दिया। मजदूरों के मुताबिक, कुछ ठेकेदार उन्हें स्वतंत्र रूप से काम नहीं करने देना चाहते और कम मजदूरी में जबरन काम कराना चाहते हैं। इस घटना के बाद मजदूरों ने आजाद नगर थाना प्रभारी से मिलकर शिकायत दर्ज कराई और मांग की कि प्रशासन उन्हें किसी सुरक्षित और स्थायी जगह पर खड़े होने की अनुमति दे।
उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें महीने में औसतन केवल 20 से 22 दिन ही काम मिलता है, जिससे घर चलाना मुश्किल होता जा रहा है। लगातार बढ़ रही महंगाई, बच्चों की पढ़ाई और जरूरी खर्चों के बीच उनकी जमा पूंजी भी समाप्त हो रही है। मजदूरों ने सरकार और प्रशासन से अपील की है कि वे इस मुद्दे पर गंभीरता से ध्यान दें और उनके लिए व्यवस्था करें।