चैनपुर अनुमंडल के जारी थाना क्षेत्र के रेंगारी गांव में बीते रात जंगली हाथियों के झुंड ने जमकर उत्पात मचाया। चार हाथियों के दल ने ग्रामीण संजीप कुजूर के कई एकड़ में फैले धान की फसल को रौंद कर पूरी तरह बर्बाद कर दिया। संजीप कुजूर का कहना है कि खेती-बाड़ी ही उनका एकमात्र सहारा है, लेकिन जंगली हाथियों के लगातार हमले से उनका जीवन यापन संकट में पड़ गया है।ग्रामीणों ने बताया कि जंगली हाथियों का प्रकोप रेंगारी के अलावा चटकपुर, श्रीनगर और कोडी गांव में भी लंबे समय से जारी है। कभी हाथी घरों को तोड़ते हैं तो कभी खेतों की फसलों को नष्ट कर देते हैं। इसके बावजूद वन विभाग और प्रशासन की ओर से कोई ठोस पहल नहीं की जा रही है।ग्रामीणों ने कहा कि शाम होते ही हाथियों का झुंड गांव में प्रवेश कर जाता है और तबाही मचाने लगता है। किसी तरह से ग्रामीण शंख नदी पार कर उन्हें बमहणी या बुकमा गांव की ओर खदेड़ते हैं, लेकिन वहां के लोग भी हाथियों को खदेड़कर वापस लौटा देते हैं। इस कारण हाथियों का आना-जाना एक प्रखंड से दूसरे प्रखंड तक चलता रहता है और ग्रामीणों की परेशानी बढ़ती जा रही है।ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि वन विभाग ने जल्द कार्रवाई नहीं की तो वे सड़क जाम और वन विभाग कार्यालय का घेराव कर विरोध दर्ज कराएंगे।यह समस्या कई वर्षों से बनी हुई है, लेकिन अब ग्रामीणों का धैर्य जवाब देने लगा है। उनका कहना है कि अब वन विभाग को नींद से जागकर ठोस कदम उठाने होंगे, अन्यथा आंदोलन अवश्यंभावी है।

