डॉक्टरों की लापरवाही उजागर, सीएचसी चैनपुर CHO के भरोसे चल रहा है अस्पताल
चैनपुर मुख्यालय क्षेत्र के जनावल पंचायत में रविवार को घोरहटी और नवाटोली के बीच तीखे मोड़ पर दो बाइकों की आमने-सामने जोरदार टक्कर हो गई। इस हादसे में कुल पांच लोग घायल हो गए, जिनमें तीन की हालत गंभीर बताई जा रही है। हादसे की तीव्रता इतनी अधिक थी कि दोनों मोटरसाइकिलें पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गईं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, अरविंद बड़ा की बाइक पर तीन लोग सवार थे जबकि दूसरी बाइक पर चैनपुर निवासी नीरज लकड़ा और संजय कुमार बैठे थे। किसी भी बाइक सवार ने हेलमेट का उपयोग नहीं किया था। तेज रफ्तार और तीखे मोड़ के कारण दोनों बाइकें अनियंत्रित होकर आमने-सामने भिड़ गईं। हादसे के बाद ग्रामीणों की मदद से सभी घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चैनपुर लाया गया। लेकिन वहां डॉक्टरों की अनुपस्थिति ने व्यवस्था की पोल खोल दी। बताया गया कि सीएचसी चैनपुर में किसी भी समय मरीज पहुंचें, डॉक्टर अक्सर मौजूद नहीं रहते।
हर दिन जैसे ही तीन बजते हैं, डॉक्टर गुमला के लिए बस पकड़कर चले जाते हैं। ऐसे में पूरा भार सिर्फ सीएचओ और नर्सिंग स्टाफ के कंधों पर रहता है।
ग्रामीणों का कहना है कि आपात स्थिति (इमरजेंसी) में भी डॉक्टर अस्पताल में नहीं रहते, जिसके कारण गंभीर मरीजों को प्राथमिक उपचार के बाद मजबूरन सदर अस्पताल गुमला रेफर करना पड़ता है। यही स्थिति रविवार को भी रही — तीन गंभीर घायलों नीरज लकड़ा (22), अरविंद बड़ा (25) और संजय कुमार (22) को डॉक्टर की अनुपस्थिति में गुमला भेजा गया इधर, परिजनों ने बताया कि 108 एंबुलेंस के लिए काफी देर तक इंतजार करना पड़ा, पर वाहन उपलब्ध नहीं हुआ। बाद में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की एंबुलेंस से ही तीनों घायलों को गुमला रेफर किया गया। घटना की जानकारी मिलते ही चैनपुर पुलिस मौके पर पहुंची, घायलों के इलाज की व्यवस्था कराई और घटना की जांच में जुट गई है। स्थानीय लोगों ने स्वास्थ्य विभाग से मांग की है कि सीएचसी चैनपुर में स्थायी डॉक्टरों की तैनाती की जाए, ताकि आपात स्थिति में ग्रामीणों की जान बचाई जा सके

