India News: रिश्तों में जब कोई भरोसे को तोड़ता है, तो वह सिर्फ एक देश नहीं, बल्कि करोड़ों लोगों की भावनाओं को आहत करता है। कुछ ऐसा ही हुआ भारत और तुर्की के रिश्तों में। जब भारत मुश्किल वक्त में तुर्की की मदद के लिए आगे आया था, तब शायद किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि वही तुर्की आगे चलकर भारत के दुश्मन पाकिस्तान का साथ देगा।
हाल ही में भारत द्वारा पाकिस्तान में किए गए “ऑपरेशन सिंदूर” के दौरान तुर्की ने खुलकर पाकिस्तान का समर्थन किया। तुर्की ने न सिर्फ पाकिस्तान का पक्ष लिया, बल्कि उसे ड्रोन और हथियार तक मुहैया कराए। ये वही तुर्की है, जिसे भारत ने 2023 में आए विनाशकारी भूकंप के दौरान ‘ऑपरेशन दोस्त’ के तहत बड़ी मदद दी थी। भारत, भूकंप के बाद तुर्की की मदद करने वाला पहला देश था। राहत सामग्री, बचाव दल और मेडिकल सहायता के साथ भारत ने पूरी संवेदनशीलता से तुर्की का साथ दिया था।
‘ऑपरेशन दोस्त’ की दरियादिली भूला तुर्की
फरवरी 2023 में तुर्की में आए महाभूकंप में हजारों लोगों की जान चली गई थी। उस समय भारत ने मानवता की मिसाल कायम करते हुए ‘ऑपरेशन दोस्त’ चलाया और अपने बचाव दलों, चिकित्सा टीमों और राहत सामग्री के साथ तुर्की के लोगों की मदद की। भारतीय वायुसेना के C-17 ग्लोबमास्टर विमान से राहत सामग्री भेजी गई। तुर्की की सरकार और नागरिकों ने तब भारत का आभार भी जताया था, लेकिन अब उसी तुर्की ने पाकिस्तान के पक्ष में खड़े होकर भारत की दोस्ती को ठुकरा दिया।
भारत में बायकॉट तुर्की का उभरा गुस्सा
तुर्की के इस रुख के खिलाफ भारत में जन आक्रोश तेजी से बढ़ रहा है। गाजियाबाद के साहिबाबाद इलाके के फल विक्रेताओं ने तुर्की से आने वाले सेबों के बहिष्कार का ऐलान किया है। व्यापारियों ने कहा कि आतंकवाद को समर्थन देने वाले देश से व्यापार नहीं करेंगे। उन्होंने अब हिमाचल और अन्य भारतीय राज्यों से सेब खरीदने का निर्णय लिया है। आमतौर पर भारत तुर्की से हर साल करीब 1000-1200 करोड़ रुपये के सेब आयात करता है।
मरमर और पर्यटन उद्योग पर भी असर
सिर्फ फल ही नहीं, मार्बल (मरमर) उद्योग से भी तुर्की को झटका लग सकता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब भारतीय व्यापारी तुर्की से मार्बल आयात नहीं करने की योजना बना रहे हैं। इससे तुर्की को आर्थिक रूप से बड़ा नुकसान हो सकता है।
सोशल मीडिया पर भी “#BoycottTurkey” ट्रेंड कर रहा है। बड़ी संख्या में लोग तुर्की घूमने की अपनी योजनाएं रद्द कर रहे हैं। आंकड़ों की मानें तो 2024 में तुर्की में 62.2 मिलियन विदेशी पर्यटक आए थे, जिनमें लगभग 3 लाख भारतीय थे। अब भारत से तुर्की जाने वाली बुकिंग्स में भारी गिरावट देखी जा रही है।
CAIT ने दिया खुला आह्वान
भारत के शीर्ष व्यापारिक संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने सभी व्यापारियों और नागरिकों से तुर्की और अजरबैजान के पूर्ण बहिष्कार की अपील की है। CAIT ने कहा है कि जो देश भारत की भावनाओं को ठेस पहुंचाते हैं, उनसे किसी भी प्रकार का व्यापार या सहयोग नहीं किया जाना चाहिए।