World News: दोहा में इजराइल के हमले ने कतर की मध्यस्थता की भूमिका को पूरी तरह बदल दिया है। पहले कतर हमास और इजराइल के बीच वार्ता का जरिया था, लेकिन अब यह सीधे इजराइल के खिलाफ खड़ा हो गया है। दोहा में हुए हमले में हमास के कई कमांडर मारे गए, जिससे मुस्लिम देशों का गुस्सा और भड़का। पाकिस्तान, सऊदी अरब, यूएई सहित कई देशों ने इजराइल के इस हमले की कड़ी निंदा की है।
न्यूयॉर्क में कतर के पीएम से करेंगे मुलाकात, इजराइल पर ले सकते हैं फैसला
इस स्थिति को संभालने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सक्रिय हो गए हैं। न्यूयॉर्क में ट्रंप की कतर के प्राइम मिनिस्टर शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी से मुलाकात तय है। इस बैठक में इजराइल के हालिया हमले और फिलिस्तीन के मुद्दे पर चर्चा होने की संभावना है। ट्रंप पहले भी इजराइल के इस हमले की आलोचना कर चुके हैं और कतर का समर्थन किया है। माना जा रहा है कि इस बैठक में भी वह इजराइल को गलत बताते हुए कतर को धीरज बनाए रखने की सलाह देंगे।
मुस्लिम देशों का गुस्सा भड़का
कतर के पीएम इस मुलाकात का उपयोग इजराइल पर दबाव बढ़ाने के लिए करना चाहते हैं। अरब और इस्लामिक देशों ने पहले ही कतर के साथ एकजुटता दिखाई है। इसके अलावा ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों ने भी इजराइल की निंदा की है। पांच यूरोपीय देश सितंबर में होने वाली संयुक्त राष्ट्र आम सभा में फिलिस्तीन को मान्यता देने की योजना बना रहे हैं।
कतर के पीएम शुक्रवार सुबह वॉशिंगटन पहुंचे और विदेश मंत्री मार्को रुबियो से वाइट हाउस में मिले। इसके अलावा उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और मिडल ईस्ट के दूत स्टीव विटकॉफ से भी उनकी मुलाकात हुई। शाम को न्यूयॉर्क में ट्रंप और कतर पीएम के बीच बैठक होगी। इस दौरान इजराइल के खिलाफ कदम और फिलिस्तीनी मुद्दे पर रणनीति बनाने की संभावना है।

