Ranchi News: केन्द्रीय सरना स्थल सिरम टोली बचाओ मोर्चा के नेतृत्व में विभिन्न आदिवासी संगठनों ने रांची के करम टोली धुमकुड़िया में मीडिया से बातचीत की और झारखंड सरकार के खिलाफ अपनी आवाज उठाई। इन संगठनों के नेताओं ने आरोप लगाया कि झारखंड सरकार आदिवासियों को अपने अधिकारों के लिए आंदोलन करने पर मजबूर कर रही है।
जय आदिवासी केन्द्रीय परिषद की केन्द्रीय अध्यक्ष निरंजना हेरेंज टोप्पो ने कहा कि संथाल आदिवासियों का धार्मिक स्थल मरांग बुरु अब दूसरे धर्मावलंबियों के कब्जे में चला गया है। यह आदिवासियों के लिए गहरी चिंता का विषय है। वहीं आदिवासी युवा अगुवा राहुल तिर्की ने आरोप लगाया कि झारखंड सरकार आदिवासियों के प्रसिद्ध महोत्सव, सरहुल महोत्सव सह शोभायात्रा को समाप्त करने की कोशिश कर रही है, जो कि आदिवासी संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है।
अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के राष्ट्रीय युवा उपाध्यक्ष पवन तिर्की ने कहा कि सरहुल महोत्सव और शोभायात्रा हमारे आदिवासी पुरखों की देन हैं और इन्हें खत्म करने की कोशिश बर्दाश्त नहीं की जाएगी। आदिवासी मूलवासी मंच के केंद्रीय अध्यक्ष सूरज टोप्पो ने कहा कि रांची में फ्लाईओवर के रैंप को सरना स्थल के पास से नहीं हटाया गया तो आदिवासी समाज फ्लाईओवर को पूरा नहीं होने देगा और इसका उद्घाटन भी नहीं होने देगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए यदि कोर्ट का सहारा लेना पड़ा तो भी हम पीछे नहीं हटेंगे।
आदिवासी जन परिषद की उपाध्यक्ष कुंदरसी मुंडा ने कहा कि आदिवासी परंपराओं को नष्ट करने की साजिश की जा रही है। इस पर राजी पड़हा सरना प्रार्थना सभा रांची महानगर अध्यक्ष चम्पा कुजूर ने घोषणा की कि 21 मार्च को दोपहर 3 बजे सभी आदिवासी जयपाल सिंह मुंडा स्टेडियम के पास एकजुट होंगे और 22 मार्च को सुबह 6 बजे सड़क पर उतर कर चौक-चौराहों में चक्का जाम करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि आवश्यक सेवाओं जैसे एंबुलेंस, अस्पताल, दवा दुकान और मरीजों को बंद से मुक्त रखा जाएगा।
इस अवसर पर कई अन्य आदिवासी नेता और कार्यकर्ता मौजूद थे, जिनमें सुशीला कच्छप, बबलू मुंडा, स्मिथ तिर्की, आकाश तिर्की, विजय कच्छप, रवि मुंडा, सुरेंद्र लिंडा, विक्की लोहरा, अमित मुंडा, संगीता कच्छप, शनि हेमरोम, नवीन तिर्की, रंजित उरांव, अनिल किस्पोट्टा, प्रदीप कुजूर, और छोटू कुजूर शामिल थे।