India News: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे और तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा है कि सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में कौन जाएगा, यह तय करना पार्टी का अधिकार है, न कि भाजपा का। उन्होंने कहा कि यूसुफ पठान का नाम प्रतिनिधिमंडल में शामिल करने से पहले तृणमूल से सलाह ली जानी चाहिए थी।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय मंच पर सबूत पेश करने के लिए एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का गठन किया था। इसमें तृणमूल कांग्रेस की ओर से पूर्व क्रिकेटर और राज्यसभा सांसद यूसुफ पठान का नाम शामिल किया गया था। लेकिन रविवार सुबह पार्टी ने अचानक उनके नाम को वापस ले लिया, जिससे राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई।
अभिषेक बनर्जी ने कोलकाता एयरपोर्ट पर दिल्ली रवाना होने से पहले मीडिया से बातचीत में कहा कि यह फैसला राजनीतिक नहीं, बल्कि पार्टी के आंतरिक विचार-विमर्श का नतीजा था। उन्होंने स्पष्ट किया कि पार्टी किसी का अपमान नहीं करना चाहती, लेकिन प्रतिनिधिमंडल में ऐसा व्यक्ति होना चाहिए जो नीति, संगठन और राष्ट्रीय दृष्टिकोण के स्तर पर पार्टी का पक्ष मजबूती से रख सके।
अभिषेक ने कहा, “तृणमूल कांग्रेस एकमात्र पार्टी है जिसने देश की सुरक्षा के मुद्दे पर राजनीति से ऊपर उठकर हमेशा केंद्र का समर्थन किया है। लेकिन प्रतिनिधि कौन होगा, यह निर्णय हमारी पार्टी ही लेगी।”
इस पूरे घटनाक्रम पर भाजपा ने तृणमूल पर तुष्टिकरण की राजनीति करने और राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता न देने का आरोप लगाया है। भाजपा का कहना है कि ममता बनर्जी ने राजनीतिक कारणों से यूसुफ पठान को रोकने का फैसला किया।
बता दें कि शनिवार रात केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने यूसुफ पठान से संपर्क कर उन्हें प्रतिनिधिमंडल में शामिल होने का प्रस्ताव दिया था और उनसे पासपोर्ट संबंधी जानकारियां भी ली थीं। लेकिन अगले ही दिन तृणमूल ने स्पष्ट कर दिया कि यूसुफ इस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा नहीं होंगे।

