World News: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कड़ी मेहनत के बाद TikTok अमेरिका में वापस लौटने को तैयार है। हालांकि, TikTok की कीमत और वैल्यूएशन को लेकर विवाद बना हुआ है। ट्रंप प्रशासन ने TikTok की कीमत मात्र 14 अरब डॉलर (लगभग 1.23 लाख करोड़ रुपये) पर आंकी है, जो एक्सपर्ट्स के अनुमानित 40 अरब डॉलर (3.54 लाख करोड़ रुपये) से लगभग तीन गुना कम है।
‘बेचो या बंद कर देंगे’ की नीति पर डील हुई फाइनल
जानकारों का कहना है कि अमेरिका ने बाइटडांस पर ‘बेचो या बंद कर देंगे’ की सख्त नीति अपनाते हुए डील को जल्दी और कम कीमत पर फाइनल किया है। यह डील अमेरिका के टेक दिग्गजों जैसे ओरैकल कॉर्प के संस्थापक लैरी एलिसन और सिल्वर लेक मैनेजमेंट एलएलसी के निवेश से संभव हुई है। अमेरिका ने TikTok में अपनी हिस्सेदारी केवल 20 फीसदी रखी है, जिससे सुरक्षा चिंताएं कम हों।
मुनाफे का आधा हिस्सा जाएगा चीन को
हालांकि डील में भारी कमी आई है, लेकिन TikTok से होने वाले मुनाफे का 50 फीसदी हिस्सा चीन की वीडियो एप बाइटडांस को दिया जाएगा। यह हिस्सा डील की सबसे विवादास्पद शर्तें में से एक है और कई एक्सपर्ट इसे “दिनदहाड़े लूट” मान रहे हैं।
अमेरिका में TikTok की लोकप्रियता
TikTok अमेरिका में सबसे लोकप्रिय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स में से एक है। यहां इसके 17 करोड़ से अधिक एक्टिव यूजर्स हैं, जो सालाना करीब 10 अरब डॉलर का राजस्व उत्पन्न करते हैं। इस बड़े बाजार को ध्यान में रखते हुए, ट्रंप प्रशासन का 14 अरब डॉलर का मूल्यांकन कई विशेषज्ञों को कमतर लगता है।
निवेशकों की प्रतिक्रिया और डील के नियम
डील को 120 दिनों के भीतर पूरा करना अनिवार्य है। अमेरिकी उप राष्ट्रपति जेडी वान्स ने इस डील की अगुवाई की, जबकि अमेरिकी निवेशकों ने कम कीमत होने की वजह से इसका स्वागत किया है, क्योंकि इससे निवेश करना आसान होगा। हालांकि, विशेषज्ञ मानते हैं कि यह डील पिछले दशक की सबसे सस्ती टेक्नोलॉजी अधिग्रहण डील बनी है।

