Jharkhand News: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और आदिवासी अस्मिता के प्रतीक दिशोम गुरु शिबू सोरेन का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव नेमरा में पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ संपन्न हुआ। इस अंतिम यात्रा के दौरान उनका पूरा परिवार, हजारों की संख्या में समर्थक और झारखंड की आत्मा जैसे मौजूद थी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने पिता को अंतिम विदाई देते समय पारंपरिक रीति से मुखाग्नि दी। इस मौके पर पूरे नेमरा गांव में मातम पसरा था लेकिन साथ ही एक गौरव की भावना भी थी।
नेमरा की यह क्रांतिकारी और वीर भूमि, दादाजी की शहादत और बाबा के अथाह संघर्ष की गवाह है। यहां के जंगलों, नालों-नदियों और पहाड़ों ने क्रांति की उस हर गूंज को सुना है – हर कदम, हर बलिदान को संजोकर रखा है।
नेमरा की इस क्रांतिकारी भूमि को शत-शत नमन करता हूँ।
वीर शहीद सोना सोबरन… pic.twitter.com/1KVWVTuIRl
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) August 7, 2025
शिबू सोरेन को अंतिम विदाई देने के बाद हेमंत सोरेन ने भावुक सोशल मीडिया पोस्ट साझा की, जिसमें उन्होंने नेमरा की धरती को क्रांति की भूमि बताया। उन्होंने लिखा, “नेमरा की यह वीर भूमि, दादा सोना सोबरन मांझी की शहादत और बाबा शिबू सोरेन के अथाह संघर्ष की साक्षी है।” उन्होंने यह भी कहा कि इस भूमि के जंगलों, नदियों और पहाड़ों ने हर संघर्ष और बलिदान की गूंज सुनी है।
हेमंत सोरेन ने श्रद्धांजलि स्वरूप लिखा, “वीर शहीद सोना सोबरन मांझी अमर रहें, झारखंड राज्य निर्माता वीर दिशोम गुरु शिबू सोरेन अमर रहें।” यह पोस्ट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है और लोगों की भावनाएं झकझोर रही है।
नेमरा की यह मिट्टी आज न सिर्फ एक नेता के पिता को विदा कर रही थी, बल्कि झारखंड आंदोलन की आत्मा को भी सलामी दे रही थी।