India News: पीएम नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे के दौरान, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मुंबई हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण को मंजूरी देने का ऐलान किया था। यह निर्णय भारत के लिए एक बड़ी सफलता मानी जा रही है, क्योंकि राणा लंबे समय से अमेरिका की हिरासत में था। अब भारत सरकार इस मुद्दे को प्राथमिकता देते हुए राणा के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया को तेज कर रही है।
भारत सरकार का तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण के लिए सक्रिय कदम
भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने पुष्टि की कि भारत राणा के आत्मसमर्पण और प्रत्यर्पण की प्रक्रिया पर काम कर रहा है। हालांकि कुछ औपचारिकताएं बाकी हैं, दोनों देश इस मामले में संपर्क में हैं और इन औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए कार्य कर रहे हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल के अनुसार, अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने 21 जनवरी को राणा की याचिका खारिज कर दी थी, जिससे प्रत्यर्पण का रास्ता साफ हो गया। अब दोनों देशों के अधिकारियों के बीच कानूनी दस्तावेज और वारंट का आदान-प्रदान हो चुका है और अब तारीख और अन्य औपचारिकताएं तय की जा रही हैं।
भारत में लाए जाने के बाद तहव्वुर राणा का न्यायिक सामना
सूत्रों के अनुसार, जैसे ही भारत सरकार से अंतिम मंजूरी प्राप्त होती है, एनआईए के अधिकारी राणा को भारत लाने के लिए अमेरिका जाएंगे। एक बार भारत आने के बाद उसे एनआईए अदालत में पेश किया जाएगा, जहां उसके खिलाफ जांच और कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
मुंबई की जेल भी तैयार, महाराष्ट्र सरकार का बयान
इस मामले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि मुंबई की जेल राणा के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने यह भी कहा कि पहले भारत ने राणा से ऑनलाइन पूछताछ की थी, लेकिन उसे भारत लाना अब जरूरी हो गया था, और यह अमेरिका के पहले सहमत नहीं होने के कारण लंबा खिंच रहा था। पीएम मोदी के हस्तक्षेप से यह कार्य संभव हो पाया है। फिलहाल राणा लॉस एंजिलिस के मेट्रोपॉलिटन डिटेंशन सेंटर में बंद है, और जैसे ही प्रत्यर्पण की प्रक्रिया पूरी होती है, उसे भारत लाया जाएगा।