India News: उत्तराखंड में उत्तरकाशी के धराली में आई तबाही में गुम हुई मां राजराजेश्वरी की चांदी की मूर्ति शनिवार को मलबे में करीब 25 फीट नीचे दबी मिली। फिलहाल आपदा में सुरक्षित बचे एक होटल के कमरे में मूर्ति को रखा गया है। ग्रामीणों का कहना है कि आपदा का बुरा दौर बीतने के बाद माता का भव्य मंदिर तैयार कर उसमें मूर्ति की पुनर्स्थापना की जाएगी।
मूर्ति को फिलहाल होटल के कमरे में रखा, मंदिर बनाकर की जाएगी पुनर्स्थापना
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक धराली के ग्रामीणों का कहना है कि मां राज राजेश्वरी देवी 400 साल पुरानी है, जो कि हिमाचल से यहां आई थी। यहां धराली गांव के प्रवेश द्वार के निकट ही मां राजराजेश्वरी का देवदार से निर्मित भव्य प्राचीन मंदिर था। यह मंदिर गांव में 1971 व 1982-83 दो बार हुए अग्निकांड में सुरक्षित रहा, लेकिन बीते 5 अगस्त को खीरगंगा नदी में आई तबाही में यह मंदिर भी गिर गया और मूर्ति भी मलबे में दब गई।
जानकारी के मुताबिक शनिवार को धराली के रहने वाले पूर्व सैनिक राजेश पंवार को माता की चुनरी दिखी। उन्होंने बीआरओ से खुदाई करवाने की मांग की, जिसमें 25 फीट तक खुदाई के बाद माता का संदूक निकला, इसके बाद शंख, विष्णु, शंकर भगवान, त्रिशूल, सिंहासन आदि निकलने लगे। बाद में मां राजराजेश्वरी की मूर्ति निकली। इस दौरान यह सब देखने के लिए ग्रामीणों की भीड़ जुटी थी। माता की मूर्ति अपने प्राचीन मंदिर से कुछ फीट की दूरी पर मिली। लोगों का कहना है कि आपदा के बाद जब कुछ नहीं मिल रहा है, ऐसे में मां राजराजेश्वरी की मूर्ति का सुरक्षित मिलना चमत्कार है। वर्तमान में माता की मूर्ति को एक होटल में रखा गया है।

