रांची। राजधानी के समस्त आदिवासी समुदाय द्वारा 17 मार्च 2025 को झारखंड के कुल 30 विधायक एवं एक सांसद की शव यात्रा निकाली गई। यह शव यात्रा आदिवासी विधि विधान से बाजे गाजे के साथ सिरम टोली फ्लाईओवर रैंप से निकलकर अल्बर्ट एक्का चौक तक पहुंचा। केंद्रीय सरना स्थल सिरम टोली बचाओ मोर्चा के तत्वावधान में निकाली गई इस शव यात्रा में समस्त आदिवासी संगठनों के अगुवाओं और विभिन्न सरना समिति के सदस्यों एवं खोड़हा दल सदस्य शामिल हुए जिसका नेतृत्व सामाजिक अगुवा बाहा लिंडा ने सिर मुंडवा कर किया और सभी शवों का अंतिम संस्कार भी किया गया।
29 शव आदिवासी विधायकों के
इस शव यात्रा में 29 शव आदिवासी विधायकों के थे जबकि एक शव रांची विधायक सीपी सिंह एवं एक शव रांची सांसद संजय सेेठ की थी। दरअसल, आदिवासी संगठनाें का मानना है कि सिरम टोली फ्लाईओवर निर्माण में पास के सरना स्थल पर ध्यान नहीं दिया गया है और रैंप को उतार दिया गया है, जिससे सरना स्थल मेें पूजा-प्रतिष्ठान जैसी विधि-विधान संपन्न कराने में इस समुदाय को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है हालांकि उपायुक्त मंजूनाथ भजन्त्री नेे इस बाबत कई संगठनों से बातचीत की थी और उनसे आवश्यक सुझाव लेकर उचित कार्रवाई का भरोसा दिलाया था बावजूद यह शव यात्रा निकाली गई।
21 मार्च काे मशाल जुलूस, 22 मार्च को रांची बंद
संगठनों ने अपनी मांग के समर्थन में 21 मार्च को मशाल जुलूस और 22 मार्च 2025 को रांची बंद की घोषणा की है। शव यात्रा में अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद, चडरी सरना समिति, केंद्रीय सरना समिति, आदिवासी जन परिषद, आदिवासी मूलवासी मंच, जय आदिवासी केंद्रीय परिषद, राजी पड़हा सरना प्रार्थना सभा, ग्राम सभा मधुकम, एदलहातु सरना समिति, न्यू गार्डेन सरना समिति सिरम टोली, बनिया टोली सरना समिति, ग्राम सभा पुरानी रांची, सरहुल नगर बरियातू, लेम सरना समिति, हातमा सरना समिति, नगड़ा टोली सरना समिति समेत सैकड़ों सरना समिति के लोग शामिल हुए। इस यात्रा में जमशेदपुर, बोकारो, खूंटी और अन्य जिलों के सामाजिक धार्मिक अगुवाओं ने शामिल होकर समर्थन किया।
अगुवाओं ने कहा अब लड़ाई आर-पार होगी
सभी संगठनों के अगुवाओं ने संयुक्त रूप से कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन समेत सभी विधायक और सांसद संभवत: मर चुके हैं, इसलिए उनके मुंह से आदिवासी समाज के लिए एक भी शब्द नहीं निकल रहा है। उनकी आत्मा मर चुकी है। जल, जंगल, जमीन और आदिवासी हक अधिकार की बात करने वाली अबुवा सरकार आज के बाद से आदिवासी समाज के लिए मर चुकी है। फ्लाईओवर का रैंप अब भी नहीं हटा तो आंदोलन और तेज होगा। लड़ाई अब आर-पार होगी।
रास्ते में गेंदा फूल और लावा बिखेरते गए
शव यात्रा के दाैरान शामिल लोग रास्ते में गेंदा फूल और लावा बिखेरते हुए अल्बर्ट एक्का चौक पहुंचे और चौक का तीन चक्कर लगाकर सभी शवों को चौक के चारों तरफ रखकर शोक व्यक्त किया। अंत में शवों काे आग लगाकर अंतिम संस्कार किया गया।