Jharkhand News: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और दिशोम गुरु शिबू सोरेन के श्राद्ध भोज का आयोजन शनिवार को उनके पैतृक गांव नेमरा (रामगढ़) में हुआ। इस मौके पर राज्यभर से हजारों लोग उपस्थित हुए। आम जनता से लेकर राजनीति, धर्म और प्रशासनिक जगत की बड़ी हस्तियों ने यहां पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की।
भारत के रक्षा मंत्री श्री @rajnathsingh दिशोम गुरु शिबू सोरेन जी के संस्कार भोज में शामिल होने हेतु नेमरा पहुंचे। रक्षा मंत्री ने दिशोम गुरु शिबू सोरेन जी की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी एवं उनके परिजनों से मुलाकात कर अपनी संवेदना व्यक्त की। pic.twitter.com/cK0r79ycm8
— Office of Chief Minister, Jharkhand (@JharkhandCMO) August 16, 2025
कार्यक्रम में झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार स्वयं नेमरा पहुंचे। उन्होंने स्वर्गीय शिबू सोरेन की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी और भोज में हिस्सा लिया। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से भी मुलाकात कर उनका हालचाल जाना और इस दुख की घड़ी में परिवार को ढांढस बंधाया।
इसके अलावा योग गुरु बाबा रामदेव भी विशेष रूप से नेमरा पहुंचे। बाबा रामदेव ने शिबू सोरेन को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनका जीवन संघर्ष और जनसेवा का उदाहरण है। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात कर संवेदना व्यक्त की।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का आगमन श्राद्ध भोज का मुख्य आकर्षण रहा। उन्होंने दिशोम गुरु शिबू सोरेन की तस्वीर पर पुष्प अर्पित किए और परिजनों से मिलकर अपनी संवेदनाएं साझा कीं। इसके साथ ही पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने भी श्राद्ध भोज में पहुंचकर दिवंगत नेता के योगदान को याद किया।
श्राद्ध भोज में बड़ी संख्या में आम लोग भी जुटे। दुमका, साहेबगंज और संथाल परगना के विभिन्न जिलों से राजनीतिक कार्यकर्ता और ग्रामीणों का नेमरा पहुंचना लगातार जारी रहा। भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए थे। 12 से अधिक जिलों के पुलिस अधीक्षक और उपायुक्त इस कार्यक्रम में शामिल हुए, जबकि सुरक्षा ड्यूटी में तैनात जवानों के लिए अलग से भोजन और नाश्ते की व्यवस्था की गई।
कार्यक्रम स्थल पर विशेष स्क्रीन लगाई गईं, जिन पर शिबू सोरेन के जीवन संघर्ष और उपलब्धियों पर आधारित एक लघु फिल्म भी दिखाई गई। लोगों ने भावुक होकर इस फिल्म को देखा और दिवंगत नेता को नमन किया।
नेमरा का यह श्राद्ध भोज न सिर्फ श्रद्धांजलि का अवसर बना बल्कि यह भी दिखा गया कि शिबू सोरेन आज भी जनता के दिलों में जीवित हैं और उनका संघर्षमय जीवन आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा।

