लंबे इंतजार के बाद मां वैष्णो देवी के भक्तों के लिए खुशखबरी आ गई है। 18 दिन से बंद पड़ी वैष्णो देवी यात्रा रविवार से दोबारा शुरू हो रही है। जैसे ही यह खबर फैली, श्रद्धालुओं में उत्साह की लहर दौड़ गई। कटरा, भवन और यात्रा मार्ग पर पसरा सन्नाटा टूटने लगा है।
भूस्खलन ने थमा दी थी रफ्तार
दरअसल, 26 अगस्त को अर्धकुंवारी क्षेत्र के पास भारी भूस्खलन हुआ था। इस हादसे में 34 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी। इसके बाद लगातार बारिश और खराब मौसम के कारण यात्रा स्थगित करनी पड़ी। इस दौरान देशभर से आए हजारों श्रद्धालु लौट गए। यह पहली बार था जब भूस्खलन के कारण यात्रा इतने लंबे समय तक रुकी। 2005 और 2014 में भी भूस्खलन के कारण यात्रा बंद हुई थी, लेकिन तब यह रोक केवल चार से पांच दिन की रही थी।
व्यापारियों और मजदूरों को भारी नुकसान
यात्रा बंद होने से कटरा के व्यापारियों और श्रमिकों की हालत खराब हो गई। कारोबारियों का दावा है कि 18 दिन में व्यापार, ट्रांसपोर्ट और होटल इंडस्ट्री को 800 से 1000 करोड़ रुपये तक का नुकसान हुआ। कटरा में करीब 650 से 700 होटल हैं, जिनमें से अधिकांश बंद रहे। होटल इंडस्ट्री को ही लगभग 400 से 500 करोड़ का नुकसान हुआ।
कटरा चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष के मुताबिक, सिर्फ ड्राई फ्रूट कारोबारियों को ही 150 से 200 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। लंबे समय तक दुकानें बंद रहने से अखरोट, बादाम जैसे सूखे मेवे भी खराब हो गए। इसी तरह करीब 12 हजार घोड़ा, पिट्ठू और पालकी मजदूरों की रोज़ी-रोटी यात्रा पर टिकी है। 18 दिन तक इन मजदूरों के पास कोई काम नहीं था। कई लोग तो घर का खर्च चलाने के लिए भी परेशान हो गए।
यात्रा शुरू होते ही दिखी रौनक
जैसे ही श्राइन बोर्ड ने यात्रा दोबारा शुरू करने की घोषणा की, कटरा और भवन क्षेत्र में रौनक लौट आई। दुकानों के शटर खुलने लगे और स्थानीय कारोबारियों के चेहरे खिल गए। यात्रा मार्ग पर साफ-सफाई का काम तेज कर दिया गया है। आपदा प्रबंधन दल और श्राइन बोर्ड के कर्मचारी भूस्खलन प्रभावित इलाकों में तैनात हैं ताकि श्रद्धालुओं को किसी दिक्कत का सामना न करना पड़े।
श्रद्धालुओं से अपील
श्राइन बोर्ड ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे यात्रा के दौरान सुरक्षा बल और प्रशासन की ओर से जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें। मौसम में सुधार के चलते यात्रा फिर से शुरू हो रही है, लेकिन प्रशासन नहीं चाहता कि कोई नई परेशानी खड़ी हो।
नवरात्र से पहले मिली राहत
22 सितंबर से नवरात्र शुरू होने जा रहे हैं। हालांकि इस बार अर्धकुंवारी हादसे को देखते हुए कटरा में धार्मिक कार्यक्रम बेहद सादगी से मनाए जाएंगे। अखिल भारतीय भेंट प्रतियोगिता, शोभा यात्रा और दंगल जैसे आयोजन इस बार नहीं होंगे। अंतिम फैसला श्राइन बोर्ड और प्रशासन की बैठक में लिया जाएगा।
व्यापारियों की मांग
लंबे समय तक बंद रही यात्रा से जिन व्यापारियों ने बैंक से लोन लिया था, वे अब सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं। कारोबारियों का कहना है कि लोन चुकाने के लिए उन्हें कम से कम छह माह की राहत दी जाए और साथ ही राहत पैकेज भी दिया जाए, ताकि वे फिर से खड़े हो सकें।
साफ है कि वैष्णो देवी यात्रा सिर्फ आस्था का प्रतीक ही नहीं, बल्कि हजारों परिवारों की आजीविका का साधन भी है। 18 दिन तक बंद रहने के बाद यात्रा शुरू होना श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों दोनों के लिए बड़ी राहत है।

