Jharkhand News: रामगढ़ जिले में अबुआ आवास योजना में गड़बड़ी का मामला सामने आया है, जहां मुखिया और पंचायत सचिव ने गरीबों का हक छीनकर रिश्वत लेकर योजना का लाभ दिया। मांडू प्रखंड के बड़का चुंबा पंचायत से यह शिकायत शुक्रवार को सामने आई, जिसके बाद डीसी चंदन कुमार ने तुरंत कार्रवाई करते हुए जांच शुरू की।
डीसी ने मामले की गहरी जांच करवाई, जिसमें यह सामने आया कि बड़का चुंबा पंचायत में कुछ लाभार्थियों को अबुआ आवास योजना का लाभ देने के लिए रिश्वत ली गई। अबुआ आवास योजना का उद्देश्य गरीबों को छत मुहैया कराना है, लेकिन भ्रष्टाचार के कारण इसका लाभ वास्तविक जरूरतमंदों तक नहीं पहुंच पा रहा है। डीसी ने इस मामले में तीन लाभार्थियों से आवंटित राशि की रिकवरी करने का आदेश दिया है।
डीडीसी रोबिन टोप्पो ने बताया कि बड़का चुंबा पंचायत में प्रधानमंत्री आवास योजना और इंदिरा आवास योजना के तहत पहले से लाभ प्राप्त कर चुके व्यक्तियों को फिर से अबुआ आवास योजना के तहत आवास का लाभ दिया गया था। जब मामले की जांच की गई, तो यह स्पष्ट हुआ कि पंचायत सचिव, मुखिया और लाभार्थियों की मिलीभगत थी। इन लाभार्थियों ने मोटी रकम देकर योजना का फायदा उठाया, जिससे वास्तविक पात्र लोगों को आवास नहीं मिल पाए।
जिन तीन लाभार्थियों पर यह आरोप लगा है, उनमें दुखन प्रजापति और उनकी पत्नी फुलकी देवी, जगरनाथ प्रजापति और उनकी पत्नी संगीता देवी, और वागेश्वरी देवी और उनके पति भोला करमाली शामिल हैं। इन तीनों को योजना के तहत पुनः आवास दिया गया, जबकि वे पहले भी प्रधानमंत्री आवास और इंदिरा आवास योजना से लाभान्वित हो चुके थे।
डीडीसी ने मांडू प्रखंड विकास पदाधिकारी को आदेश दिया है कि वह बड़काचुंबा पंचायत के पंचायत सचिव और मुखिया से स्पष्टीकरण प्राप्त करें और दो दिनों के अंदर रिपोर्ट प्रस्तुत करें। साथ ही, उप विकास आयुक्त ने जांच के बाद राशि की वसूली के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं।