World News: एशिया ने कई सालों बाद इतना शक्तिशाली तूफान देखा है। सुपर टाइफून रागासा ने पहले ताइवान और फिलीपींस में तबाही मचाई और अब इसका असर हांगकांग और दक्षिणी चीन में दिख रहा है। 241 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चली हवाओं ने समुद्र को उफान पर ला दिया और तटीय इलाकों में हड़कंप मचा दिया।
ताइवान और फिलीपींस में भारी तबाही
इस तूफान ने सबसे पहले ताइवान और फिलीपींस को अपनी चपेट में लिया। ताइवान में भारी बारिश और बाढ़ जैसी स्थिति बनी। गुआंगफू कस्बे की सड़कें नदियों में बदल गईं और हुआलिएन काउंटी में झील के उफान पर आने से 17 लोगों की मौत हो गई। ताइवान में लगभग सात लाख लोग प्रभावित हुए।
उत्तरी फिलीपींस में भी स्थिति भयावह रही। यहां कम से कम 10 लोगों की जान गई, जिनमें सात मछुआरे शामिल थे। दोनों देशों में हजारों लोगों को सुरक्षित जगहों पर ले जाया गया है।
चीन में लाखों लोग प्रभावित
अब यह तूफान दक्षिणी चीन में कहर बरपा रहा है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, ग्वांगडोंग प्रांत से 20 लाख से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है। चुआनदाओ शहर में हवाओं की रफ्तार 241 किलोमीटर प्रति घंटे दर्ज की गई।
यांगजियांग शहर के हेलिंग द्वीप पर जब तूफान ने दस्तक दी तो पेड़ और इमारतें तहस-नहस हो गईं। मूसलाधार बारिश से दृश्यता इतनी कम हो गई कि कई जगहों पर लोग अपने घरों से बाहर निकल भी नहीं पाए।
हांगकांग में डर और तबाही का आलम
हांगकांग में भी रागासा ने भारी तबाही मचाई। तेज हवाओं ने सैकड़ों पेड़ गिरा दिए, एक जहाज तट से टकरा गया और एक पैदल पुल की छत उड़ गई। सुबह-सुबह तेज हवाओं ने निवासियों को हिला कर रख दिया।
यहां 90 लोग घायल हुए जिन्हें अस्पतालों में भर्ती कराया गया। स्कूलों और सरकारी दफ्तरों को बंद करना पड़ा। मकाओ में भी हालात बिगड़ गए। हवाई सेवाएं ठप हो गईं और उड़ानें रद्द करनी पड़ीं।
अब धीरे-धीरे कमजोर होगा तूफान
ग्वांगडोंग मौसम विभाग ने जानकारी दी है कि रागासा की रफ्तार धीरे-धीरे कम हो रही है। यह करीब 20 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से पश्चिम की ओर बढ़ रहा है। फिलहाल गुआंग्शी क्षेत्र में रेल सेवाओं पर रोक लगी है और कई शहरों में फैक्ट्रियां, स्कूल और बाजार बंद हैं।
हांगकांग अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे ने घोषणा की है कि गुरुवार सुबह से धीरे-धीरे परिचालन शुरू किया जाएगा। उम्मीद है कि पूरे दिन में 1,000 से ज्यादा उड़ानें संचालित होंगी।
1950 के बाद दूसरी सबसे बड़ी तबाही
हांगकांग की वेधशाला ने कहा कि कुछ वक्त तक हवा की रफ्तार 185 किलोमीटर प्रति घंटे या उससे ज्यादा रही। यह 1950 के बाद यहां देखा गया दूसरा सबसे बड़ा चक्रवात है

