India News: छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ चल रहे सुरक्षा बलों के सख्त अभियान का असर दिखने लगा है। लंबे समय से दक्षिण बस्तर में सक्रिय और एक करोड़ की इनामी कुख्यात महिला नक्सली सुजाता ने आखिरकार आत्मसमर्पण कर दिया। सुजाता के सरेंडर को सुरक्षा एजेंसियां नक्सलवाद के खिलाफ एक बड़ी जीत मान रही हैं।
साथियों की मौत से डरी, एक करोड़ का था इनाम

पुलिस सूत्रों के मुताबिक सुजाता ने तेलंगाना में आत्मसमर्पण किया। सुजाता माओवादी संगठन की सेंट्रल कमेटी की सदस्य रही है और कई बार बड़े हमलों की साजिश में उसका नाम सामने आया था। खास बात यह है कि सुजाता पश्चिम बंगाल में मुठभेड़ में मारे गए कुख्यात नक्सली कमांडर किशनजी की पत्नी है। सुजाता पर कई राज्यों में लाखों का इनाम घोषित था और छत्तीसगढ़ सरकार ने भी उसके ऊपर एक करोड़ रुपये का इनाम रखा था।
दक्षिण बस्तर में कई सालों से थी सक्रिय
सूत्रों के अनुसार, पिछले कई सालों से सुजाता दक्षिण बस्तर में नक्सल गतिविधियों का नेतृत्व कर रही थी और माओवादी संगठन के दक्षिण सब-जोन ब्यूरो की इंचार्ज रह चुकी है। लगातार हो रहे एंटी नक्सल ऑपरेशन और शीर्ष माओवादियों की मौत ने उसे आत्मसमर्पण करने पर मजबूर कर दिया।
हाल के दिनों में छत्तीसगढ़ पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के खिलाफ मोर्चा और तेज कर दिया है। इस बार बारिश के मौसम में भी लगातार अभियान चलाए जा रहे हैं। सिर्फ पिछले हफ्ते में ही नक्सलियों को तगड़े झटके लगे हैं। गरियाबंद जिले में एक एनकाउंटर में 10 नक्सली ढेर किए गए थे, जिन पर कुल 2.40 करोड़ रुपये का इनाम घोषित था। इनमें संगठन का सीसी मेंबर और एक करोड़ का इनामी मनोज उर्फ बालकृष्ण भी शामिल था। इसके अलावा बीजापुर जिले में भी सुरक्षाबलों ने दो नक्सलियों को मार गिराया, जिन पर 8-8 लाख का इनाम था।
सुझाता के सरेंडर ने साफ कर दिया है कि अब नक्सली संगठन बस्तर में कमजोर पड़ रहे हैं। शीर्ष कमांडरों के खात्मे और लगातार दबाव के बीच माओवादी संगठन का ढांचा चरमराने लगा है। सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में और भी बड़े नक्सली हथियार डाल सकते हैं।

