Ranchi : दक्षिण पूर्व रेलवे मेंस कांग्रेस (SERMC) के महामंत्री एन.एल. कुमार ने रविवार को रेलवे कर्मचारियों के हित में एक बड़ी पहल करते हुए उत्पादकता से जुड़ी बोनस (पीएलबी) नीति में बदलाव की पुरज़ोर मांग की है। इस संबंध में उन्होंने नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवेमेन (NFIR) के महासचिव डॉ. एम. राघवैया को एक पत्र लिखकर मौजूदा प्रणाली की खामियों को उजागर किया।
एन.एल. कुमार ने कहा कि वर्तमान PLB प्रणाली एक सीमित दायरे में संचालित होती है, जिसके चलते लगभग 70 से 80 प्रतिशत कर्मचारी अपने वास्तविक योगदान के अनुसार बोनस से वंचित रह जाते हैं। उन्होंने इस प्रणाली को अन्यायपूर्ण और पुराने समय की नीति करार देते हुए कहा कि इसका आधार छठे वेतन आयोग की सिफारिशों पर है, जो अब प्रासंगिक नहीं रह गई है।
उन्होंने यह भी बताया कि रेलवे कर्मचारियों की कड़ी मेहनत और समर्पण के कारण रेलवे की माल-ढुलाई, आय और संचालन क्षमता में हर वर्ष निरंतर वृद्धि हो रही है। इसके बावजूद बोनस वितरण में भेदभाव एक गंभीर मुद्दा बनता जा रहा है। कर्मचारियों को उनके प्रदर्शन के अनुरूप इनाम न मिलना, न केवल उनका मनोबल गिराता है बल्कि उत्पादन क्षमता को भी प्रभावित कर सकता है।
एन.एल. कुमार ने मांग की कि बोनस की सीमा हटाकर इसे कर्मचारियों के वास्तविक प्रदर्शन से जोड़ा जाए, ताकि नीति सभी कर्मचारियों के लिए न्यायसंगत और पारदर्शी बन सके। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि यदि इस मांग पर संवेदनशीलता से विचार नहीं किया गया, तो भविष्य में कानूनी कार्रवाई का रास्ता अपनाया जा सकता है।
उन्होंने उम्मीद जताई कि NFIR इस मुद्दे को गंभीरता से उठाएगा और सरकार तक कर्मचारियों की आवाज़ को मजबूती से पहुँचाएगा। साथ ही उन्होंने रेल प्रशासन से न्यायसंगत बोनस संरचना को जल्द लागू करने की अपील की। यह पहल रेलवे कर्मचारियों के लिए एक सकारात्मक संकेत है और आने वाले समय में इसके दूरगामी प्रभाव देखने को मिल सकते हैं।

