Ranchi : दुर्गा पूजा और विजयादशमी पर्व को शांतिपूर्ण एवं सुरक्षित माहौल में संपन्न कराने के लिए जिला प्रशासन ने व्यापक तैयारी शुरू कर दी है। उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री के निर्देश पर प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों की टीम ने रविवार को शहर के विभिन्न पूजा पंडालों और रावण दहन स्थलों का निरीक्षण किया।
निरीक्षण दल में अपर जिला दंडाधिकारी राजेश्वरनाथ आलोक, सदर अनुमंडल पदाधिकारी उत्कर्ष कुमार, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी उर्वशी पांडेय, पुलिस अधीक्षक (शहर) पारस राणा, पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) राकेश सिंह, पुलिस उपाधीक्षक (ट्रैफिक), कार्यपालक अभियंता (पथ निर्माण एवं विद्युत), शांति समिति सदस्य जयसिंह यादव, सागर कुमार समेत अन्य संबंधित अधिकारी शामिल थे।
टीम ने हरमू चौक, अरगोड़ा चौक, एचइसी, स्टेशन रोड और बांधगाड़ी स्थित प्रमुख पूजा पंडालों का जायजा लिया। मौके पर समितियों को सुरक्षा, स्वच्छता, सुविधा और अनुशासन से जुड़े दिशा-निर्देश दिए गए। अधिकारियों ने कहा कि भीड़ के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है, इसलिए सभी समितियों को प्रशासन के साथ निरंतर समन्वय बनाकर काम करने की आवश्यकता है।
पूजा समितियों को दिए गए प्रमुख निर्देश
- पंडाल परिसर व आसपास सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए मजबूत व्यवस्था करें।
- महिला व पुरुष श्रद्धालुओं के लिए अलग-अलग प्रवेश और निकास द्वार बनाएं।
- विद्युत कनेक्शन सुरक्षित और मानकों के अनुरूप हों।
- आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई के लिए प्रशासन के संपर्क में रहें।
- भीड़ नियंत्रण के लिए पर्याप्त संख्या में स्वयंसेवक तैनात करें।
- यातायात सुचारू रखने के लिए ट्रैफिक पुलिस के साथ तालमेल बनाए रखें।
रावण दहन स्थलों के लिए विशेष दिशा-निर्देश
रावण दहन के दौरान फायर ब्रिगेड, एंबुलेंस और चिकित्सा दल की तैनाती अनिवार्य होगी। दहन स्थल पर बैरिकेडिंग की जाएगी और श्रद्धालुओं को सुरक्षित दूरी पर खड़े रहने का आग्रह किया जाएगा। आतिशबाज़ी एवं पटाखों के संचालन के लिए प्रशिक्षित व्यक्तियों की नियुक्ति पर जोर दिया गया। साथ ही, बिजली व अन्य ज्वलनशील पदार्थों से दूर स्थान चुनने के निर्देश दिए गए।
पुलिस बल और मजिस्ट्रेट की उपस्थिति सुनिश्चित करने के साथ दहन के उपरांत यातायात व्यवस्था को शीघ्र सामान्य करने पर भी बल दिया गया।
जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया कि सुरक्षा मानकों से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। सभी समितियों से अपील की गई कि वे दिशा-निर्देशों का पालन कर उत्सव को सुरक्षित व आनंदमय बनाएं।

