Ranchi News: झारखंड में मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण, यानी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR), जल्द ही शुरू होने जा रहा है। राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रवि कुमार ने सभी जिलों के ईआरओ, एईआरओ और उप निर्वाचन पदाधिकारियों के साथ ऑनलाइन बैठक कर आवश्यक निर्देश साझा किए। उन्होंने कहा कि 17 सितंबर तक सभी विधानसभा क्षेत्रों में मतदान केंद्रों का रेशनलाइजेशन पूरा कर रिपोर्ट जमा की जाए। साथ ही 2003 की मतदाता सूची से वर्तमान मतदाता सूची का मिलान अविलंब सुनिश्चित करना अनिवार्य है।
प्रशिक्षण और जनता जागरूकता
मुख्य चुनाव अधिकारी ने यह भी निर्देश दिए कि अधीनस्थ कंप्यूटर ऑपरेटर और बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) की प्रशिक्षण प्रक्रिया पूरी हो जाए। SIR के दौरान जनता को पूरी जानकारी मिले और स्वीप के माध्यम से जागरूकता बढ़ाई जाए। इस अवसर पर उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी देव दास दत्ता और उप निर्वाचन पदाधिकारी धीरज ठाकुर भी मौजूद थे।
2003 की मतदाता सूची और ऑनलाइन सुविधा
2003 में किए गए विशेष पुनरीक्षण के बाद तैयार की गई मतदाता सूची की कॉपी अब CEO झारखंड की वेबसाइट पर आम लोगों के लिए ऑनलाइन उपलब्ध है। इसके अलावा 18 सितंबर से यह सूची बीएलओ, सहायक निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी और निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी के कार्यालयों में भी देखी जा सकेगी। राज्य के बाहर रह रहे मतदाता भी संबंधित राज्य की मतदाता सूची में अपना नाम चेक कर सकते हैं।
झारखंड कांग्रेस की सतर्कता
एसआईआर को लेकर झारखंड कांग्रेस भी सतर्क हो गई है। कांग्रेस ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से मुलाकात कर सुनिश्चित किया कि बिहार में हुई गलतियों को झारखंड में न दोहराया जाए। कांग्रेस प्रवक्ता लाल किशोरनाथ शाहदेव ने कहा कि बिहार में 65 लाख से अधिक मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से कट गए थे। सुप्रीम कोर्ट ने आधार कार्ड के माध्यम से पहचान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए, लेकिन फिर भी नाराजगी बनी रही।
झारखंड कांग्रेस ने 2003 की मतदाता सूची की एक प्रति मांगी है, ताकि उसी आधार पर आगामी SIR में सभी योग्य मतदाताओं के नाम सही तरीके से जोड़े जा सकें। उन्होंने स्पष्ट किया कि जिन मतदाताओं का निधन हो गया है या जो राज्य से बाहर हैं, उनका नाम हटाना चाहिए, लेकिन किसी भी योग्य मतदाता का नाम नहीं छूटना चाहिए।
SIR प्रक्रिया की तैयारी और निष्पक्ष चुनाव
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रवि कुमार ने बताया कि SIR के दौरान अधिकारियों को ध्यान रखना होगा कि मतदाता सूची के सभी डेटा गहनता से जांचे जाएं और किसी भी त्रुटि की संभावना न रहे। इस प्रक्रिया से पहले सभी मतदान केंद्रों का रेशनलाइजेशन और संबंधित कर्मचारियों की प्रशिक्षण प्रक्रिया समय पर पूरी कर ली जाएगी।
एसआईआर की प्रक्रिया से मतदाता सूची अधिक सटीक और भरोसेमंद होगी, जिससे चुनाव में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित हो सकेगी। झारखंड सरकार और चुनाव आयोग दोनों ही सुनिश्चित कर रहे हैं कि मतदाता सूची के पुनरीक्षण से जनता को किसी तरह की असुविधा न हो।
इस तरह, झारखंड में SIR के माध्यम से मतदाता सूची का गहन पुनरीक्षण, समय पर रेशनलाइजेशन और प्रशिक्षण प्रक्रियाओं के बाद सुनिश्चित किया जाएगा कि हर योग्य मतदाता को वोट का अधिकार मिले और सूची में कोई त्रुटि न रहे। कांग्रेस की सतर्कता और निर्वाचन अधिकारियों के निर्देश इसे और प्रभावी बनाएंगे।

