India News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को भारतीय नौसेना के बहादुर जवानों के साथ आईएनएस विक्रांत पर दीपावली मनाई। गोवा तट पर तैनात इस स्वदेशी विमानवाहक पोत पर पहुंचकर पीएम मोदी ने जवानों को सैल्यूट किया और कहा कि देश उनके समर्पण और त्याग को कभी नहीं भूलेगा।
उन्होंने कहा कि सैनिकों की सेवा सिर्फ कर्तव्य नहीं, बल्कि “साधना और तपस्या” है। मोदी ने जवानों के अदम्य साहस की सराहना करते हुए कहा कि भारत की रक्षा में उनकी भूमिका अमूल्य है। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि यह परंपरा नई नहीं है — बल्कि सालों से वे दीपावली जवानों के साथ ही मनाते आए हैं।
यह परंपरा गुजरात से शुरू हुई, जब 2001 में बतौर मुख्यमंत्री मोदी ने भूकंप प्रभावित कच्छ में दीपावली मनाई थी। 2009 में उन्होंने नाथू ला सीमा पर सैनिकों से मुलाकात की और लिखा – “भारत आप पर गर्व करता है।”
प्रधानमंत्री मोदी की जवानों संग त्योहार मनाने की यह परंपरा 2014 से हर साल जारी है।
पहले कार्यकाल में उन्होंने सियाचिन ग्लेशियर पहुंचकर सैनिकों के साथ दीपावली मनाई थी। उसके बाद 2015 में डोगराई युद्ध स्मारक, 2016 में हिमाचल के सोमडू और चांगो, 2017 में गुरेज घाटी, 2018 में केदारनाथ और हर्षिल, 2019 में राजौरी व पठानकोट, 2020 में राजस्थान के लोंगेवाला, 2021 में नौशेरा, 2022 में कारगिल और 2023 में हिमाचल के लेप्चा में दीपावली मनाई।
2024 में उन्होंने कच्छ में बीएसएफ, नौसेना और वायुसेना के जवानों के साथ दीपावली मनाई, जहां उन्होंने मिठाइयां बांटीं और कहा कि देश की हर दीपशिखा सीमाओं तक रोशनी ले जाती है।
मोदी आर्काइव के एक्स हैंडल ने प्रधानमंत्री की अब तक की दीपावली यात्राओं की झलकियां साझा कीं। हर साल का उनका संदेश एक ही रहा – “हमारे सैनिकों की सेवा से ही देश सुरक्षित और गौरवान्वित है।”
इस बार आईएनएस विक्रांत पर मनाई गई दीपावली ने एक बार फिर यह संदेश दिया कि देश का हर नागरिक अपने सैनिकों के प्रति कृतज्ञ है। प्रधानमंत्री ने कहा कि दीपावली का असली अर्थ तभी पूरा होता है जब हर दीपक उन सीमाओं तक पहुंचे, जहां हमारे जवान भारत की रक्षा में डटे हैं।
उन्होंने सैनिकों से कहा, “आपकी तपस्या से देश सुरक्षित है, और हर भारतीय का दीप आपके नाम समर्पित है।”
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