World News: अस्पतालों में संक्रमण को लेकर एक नई और चौंकाने वाली खोज सामने आई है। वैज्ञानिकों ने एक ऐसे बैक्टीरिया की पहचान की है जो न सिर्फ घावों में संक्रमण फैलाता है, बल्कि मेडिकल उपकरणों में इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक को भी खा सकता है। इस बैक्टीरिया का नाम है स्यूडोमोनास एरुगिनोसा, और यह खोज मेडिकल क्षेत्र में हड़कंप मचा रही है।
इस बैक्टीरिया की खासियत यह है कि यह प्लास्टिक को अपने भोजन के रूप में उपयोग करता है। यह बात वैज्ञानिकों के लिए बेहद चौंकाने वाली है, क्योंकि अब तक माना जाता रहा था कि बैक्टीरिया प्लास्टिक को नष्ट नहीं कर सकते। लेकिन इस नए शोध ने इन मान्यताओं को पूरी तरह बदल दिया है।
ब्रिटिश शोधकर्ताओं ने इस बैक्टीरिया को एक मरीज के संक्रमित घाव से अलग किया और इसके अंदर मौजूद एक विशेष एंजाइम की पहचान की, जिसे पीएपी1 नाम दिया गया। जब इस एंजाइम को लैब में परीक्षण के लिए रखा गया, तो यह पाया गया कि इसने महज 7 दिनों के अंदर प्लास्टिक के एक सैंपल का 78 प्रतिशत हिस्सा खत्म कर दिया। इसका मतलब है कि यह बैक्टीरिया मेडिकल उपकरणों जैसे टांके, स्टेंट, पट्टियां और इम्प्लांट्स को भी नुकसान पहुंचा सकता है।
सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि स्यूडोमोनास एरुगिनोसा बैक्टीरिया एंटीबायोटिक दवाओं के प्रति प्रतिरोधी भी है। यानी, इससे संक्रमित मरीजों का इलाज करना भी बेहद कठिन हो सकता है। यही कारण है कि वैज्ञानिक इस खोज को बेहद गंभीरता से ले रहे हैं।
शोधकर्ताओं का कहना है कि यह बैक्टीरिया अस्पतालों के लिए एक नया और अदृश्य खतरा बन सकता है, क्योंकि प्लास्टिक की सतहें उसके लिए भोजन का काम कर सकती हैं। इससे न केवल संक्रमण का खतरा बढ़ता है, बल्कि बैक्टीरिया का अस्तित्व भी लंबे समय तक बना रहता है।
इस खोज से यह स्पष्ट होता है कि अस्पतालों में उपयोग किए जा रहे मेडिकल प्लास्टिक और उपकरणों की सुरक्षा को लेकर नई रणनीति बनाने की जरूरत है। आने वाले समय में इस पर और शोध किए जाएंगे ताकि इससे जुड़ी चुनौतियों का समाधान निकाला जा सके।

