Jharkhand News: पलामू जिले के मनातू प्रखंड अंतर्गत चक पंचायत में शनिवार को मनरेगा लोकपाल शंकर कुमार द्वारा की गई जांच में योजनाओं की भारी अनियमितता और लापरवाही सामने आई है। ग्रामीणों की शिकायतों के बाद की गई इस जांच में मनरेगा योजनाओं के नाम पर हो रहे फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हुआ है।
लोकपाल ने बताया कि जिस किसी भी योजना की जांच की गई, वहां योजना बोर्ड तक नहीं पाया गया, जो कि मनरेगा गाइडलाइन का उल्लंघन है। सबसे बड़ी लापरवाही डोभा निर्माण कार्यों में सामने आई, जहां चार स्थलों का निरीक्षण किया गया। सभी डोभा लगभग 80 फीट लंबे और चौड़े थे, लेकिन निर्माण में भारी गड़बड़ी पाई गई।
एक डोभा निर्माण कार्य मुनारीक यादव के नाम से वन भूमि पर होने की आशंका जताई गई है। लोकपाल ने कहा कि जांच के बाद यदि यह सत्य पाया गया तो संबंधित कर्मियों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाएगी। साथ ही कुछ योजनाओं में कार्य की मात्रा कम और निकासी अधिक पाई गई, जबकि कुछ में कार्य अधिक कर निकासी कम दर्शाई गई है। यह अनियमितता गंभीर जांच का विषय है।
मनरेगा जूनियर इंजीनियर (जेई) नीरज कुमार पर सवाल उठाते हुए लोकपाल ने कहा कि किस परिस्थिति में मापी पुस्तिका (एमबी) बुक की गई, इस पर जवाब तलब किया जाएगा। वहीं, एक अन्य डोभा निर्माण कार्य रुस्तम खान के नाम पर किया गया, जो अनुपयुक्त स्थल पर था। वहां निर्धारित गहराई की बजाय ऊपर मिट्टी डाल दी गई, जिससे हल्की बारिश में ही मिट्टी बह गई और डोभा निष्प्रयोज्य हो गया।
जांच के समय किसी भी कार्य स्थल पर मजदूर नहीं मिले, जिससे यह संदेह और गहराता है कि योजनाएं कागजों पर ही पूरी दिखा दी गई हैं। लोकपाल ने कहा कि एक योजना की जगह दूसरी योजना को दिखाया गया, जिसमें भी त्रुटियां मिलीं। मनातू प्रखंड के मनरेगाकर्मियों पर सहयोग न करने का आरोप लगाते हुए लोकपाल ने कहा कि वे जानबूझकर जानकारी छिपा रहे हैं, ताकि अपनी लापरवाही पर पर्दा डाला जा सके।
जांच के समय मनरेगा एई विकास कुमार, जेई नवीन कुमार नीरज, रोजगार सेवक रामजी राम और बीएफटी रंजीत कुमार मौजूद थे। चक पंचायत के ग्रामीणों ने भी गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना है कि जेई नवीन कुमार, नीरज क्षेत्र में एक अज्ञात व्यक्ति को साथ लेकर घूमते हैं, जो लाभुकों से सीधे संपर्क कर अवैध वसूली करता है। यह बेहद शर्मनाक है और सिस्टम पर बड़ा सवाल खड़ा करता है।
लोकपाल शंकर कुमार ने स्पष्ट किया कि दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। जांच रिपोर्ट के आधार पर जहां भी गड़बड़ी पाई जाएगी, वहां से वसूली की जाएगी और कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह की लापरवाही राज्य की योजनाओं की विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचाती है, जिसे हर हाल में रोका जाना चाहिए।