India News: भारत की सुरक्षा एजेंसियों ने साल 2018 में एक चौंकाने वाला खुलासा किया था। यह मामला पाकिस्तान से संचालित एक ऑनलाइन हनीट्रैप ऑपरेशन का था, जिसकी मास्टरमाइंड एक पाकिस्तानी महिला हैकर थी, जिसने खुद को “सेजल कपूर” नामक भारतीय युवती के रूप में पेश किया था।
पता चला कि यह ‘स्पाई हसीना’ तीन साल तक सक्रिय रही और इस दौरान उसने भारत के 98 सरकारी और सैन्य अधिकारियों को अपने जाल में फंसा लिया। उसके निशाने पर भारतीय सेना, नौसेना, वायुसेना, पुलिस विभाग और डिफेंस साइंस संस्थानों से जुड़े अधिकारी थे।
रिपोर्ट के अनुसार, सेजल कपूर नामक यह फर्जी पहचान फेसबुक और व्हाट्सएप पर बनाई गई थी। वह ऑनलाइन चैटिंग के दौरान अधिकारियों को ‘Whisper’ नाम का विशेष मैसेंजर डाउनलोड करने को कहती थी, जो वास्तव में मैलवेयर (जासूसी सॉफ्टवेयर) था। इस ऐप में शामिल एक कोड के जरिये वह लक्ष्यों के कंप्यूटर और मोबाइल पर नियंत्रण हासिल कर लेती थी और संवेदनशील डेटा चुरा लेती थी।
ब्रह्मोस केस से खुला हनीट्रैप नेटवर्क
इस जासूसी नेटवर्क का भंडाफोड़ ब्रह्मोस मिसाइल दस्तावेज लीक मामले के बाद हुआ। जांच में पाया गया कि ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड के इंजीनियर निशांत अग्रवाल पाकिस्तान की इसी आईडी “सेजल कपूर” के संपर्क में थे। उनके चैट रिकॉर्ड से पूरे नेटवर्क का खुलासा हुआ, जिसके सूत्र पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई तक जा पहुंचे।
जांच में सामने आया कि यह पूरा ऑपरेशन पाकिस्तान से बैठकर चलाया जा रहा था और इसका उद्देश्य भारत की रक्षा तैयारियों से जुड़ी जानकारी जुटाना था। सुरक्षा एजेंसियों ने बाद में कई फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट्स की पहचान कर बंद करवाए।

