India News: पहलगाम में हुए आतंकी हमले का बदला भारत ने ले लिया है। सौ से अधिक आतंकियों को ऑपरेशन सिंदूर के तहत ढेर कर दिया गया है। विदेश सचिव विक्रम मिसरी और दो सैन्य महिला अधिकारियों ने इस अटैक की पूरी डिटेल देते हुए कहा कि भारत ने पहलगाम आतंकी हमले का बदला ले लिया है। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमला 2008 में मुंबई अटैक के बाद सबसे बड़ा था, जिसमें इतनी बड़ी संख्या में आम नागरिक मारे गए। उन्होंने कहा कि यह हमला लश्कर-ए-तैयबा ने कराया था, जो पाकिस्तान से संचालित है। उन्होंने कहा कि इस हमले की जिम्मेदारी द रेजिस्टेंस फोर्स ने ली थी, जो लश्कर-ए-तैयबा का ही एक संगठन है। विदेश सचिव ने कहा कि यह संगठन मुखौटा ग्रुप है, जो लश्कर और जैश-ए-मोहम्मद जैसे समूहों की आतंकी हरकतों को ही अंजाम देता है।
ऐसी स्थिति में भारत ने सीमा पार आतंकी हमलों को रोकने, उन्हें जवाब देने के लिए ऐक्शन लिया है। हमने नपी-तुली कार्रवाई की है। आतंकी ठिकानों को ही हमने टारगेट किया है। उन्होंने कहा कि हमने पहले भी पाकिस्तान को बताया था कि उसकी जमीन से लश्कर और जैश के आतंकी ठिकाने चल रहे हैं। इसके बाद भी पाकिस्तान ने उन पर कोई ऐक्शन नहीं लिया। ऐसी स्थिति में यह हमारा अधिकार था कि अपने खिलाफ होने वाली आतंकी साजिशों को खत्म किया जाए।भारत सरकार ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के बयान से इस संगठन का जिक्र हटवाने के लिए पाकिस्तान ने पूरा जोर लगा दिया। इससे साबित होता है कि पाकिस्तान का लिंक इस संगठन से था और उसकी ही शह पर यह हमला हुआ। विक्रम मिसरी ने कहा कि पाकिस्तान दुनिया भर में आतंकवाद की शरण स्थली के तौर पर पहचान बना चुका है। विक्रम मिसरी ने कहा कि भारत सरकार ने 23 अप्रैल को ही सिंधु जल समझौते को रोकने जैसे कई सख्त कदम उठाए थे। इसके बाद भी पाकिस्तान ने आतंकियों के खिलाफ कोई ऐक्शन नहीं लिया और वह उलटे भारत पर ही आरोप लगाता रहा।
चीन ने जताया खेद, कहा- शांति और संयम जरुरी
चीन के विदेश मंत्रालय ने बुधवार को बयान जारी कर कहा, हम भारत की आज तड़के की सैन्य कार्रवाई पर खेद जताते हैं और वर्तमान हालात पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हैं। हम भारत और पाकिस्तान से आग्रह करते हैं कि वे शांति और स्थिरता को सर्वोपरि रखें, शांत रहें और अधिकतम संयम बरतें। चीन की यह प्रतिक्रिया उस समय आई है जब भारत ने 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान की सीमा के भीतर 100 किलोमीटर तक घुसकर 9 आतंकी ठिकानों को राफेल विमानों और मिसाइलों से निशाना बनाया। पाकिस्तान भारत की इस एयर स्ट्राइक से कांप गया है। उधर, चीन लंबे समय से भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता का इच्छुक रहा है, लेकिन भारत इस प्रकार के मामलों को द्विपक्षीय विषय मानते हुए तीसरे पक्ष की भूमिका को खारिज करता रहा है।