Ranchi : झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अनुसूचित जाति विभाग के अध्यक्ष केदार पासवान को पार्टी की ओर से एक लिखित नोटिस जारी किया गया है। नोटिस में उनके द्वारा सार्वजनिक मंच पर किए गए बयानों के संबंध में स्पष्टीकरण मांगा गया है।
कार्यालय के संज्ञान में आया है कि केदार पासवान ने हाल ही में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में मंत्री दीपिका पांडे सिंह के खिलाफ कुछ ऐसे बयान दिए, जिनमें उन्होंने आरोप लगाया कि मंत्री दलित समुदाय के मामलों में सक्रिय नहीं हैं और इस समुदाय के हितों की उचित निगरानी नहीं करती हैं।
पार्टी के नोटिस में कहा गया है कि इस प्रकार के बयान न केवल पार्टी की गरिमा पर असर डालते हैं, बल्कि संगठन के भीतर अनावश्यक विवाद और असहमति को भी जन्म देते हैं। इसके साथ ही, नोटिस में यह भी उल्लेख किया गया कि बयान में प्रयुक्त भाषा अनुचित थी और यह पद की गरिमा के अनुरूप नहीं थी।
इसलिए, पार्टी द्वारा स्पष्ट किया गया है कि केदार पासवान को इस नोटिस की प्राप्ति के दो दिनों के भीतर लिखित स्पष्टीकरण प्रस्तुत करना होगा। स्पष्टीकरण में यह बताना आवश्यक है कि उनके वक्तव्य के आलोक में उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए और उन्होंने किन परिस्थितियों में यह बयान दिया।
प्रतिलिपि में यह नोटिस पार्टी के शीर्ष नेताओं को भी भेजा गया है। इसमें शामिल हैं: के0 राजू, स्थायी आमंत्रित सदस्य CWC, AICC और डॉ. सिरिबेला प्रसाद, सचिव, AICC एवं सह-प्रभारी झारखंड। नोटिस जारी करने वाले प्रभारी झारखंड अभिलाष साहू ने कहा कि संगठन की मर्यादा बनाए रखना और अनुशासनिक व्यवस्था का पालन करना सभी पदधारकों के लिए अनिवार्य है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस तरह के सार्वजनिक बयान पार्टी की एकजुटता और कार्यप्रणाली पर असर डाल सकते हैं। पार्टी नेतृत्व का उद्देश्य इस विवाद को जल्द सुलझाना और सभी नेताओं को अनुशासनबद्ध ढंग से कार्य करने के लिए प्रेरित करना है। केदार पासवान को नोटिस मिलने के बाद अब यह देखना दिलचस्प होगा कि वे किस प्रकार का स्पष्टीकरण देते हैं और पार्टी के नेतृत्व के साथ इस विवाद को कैसे सुलझाते हैं।

