India News: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले से पहले ही पकड़े गए संदिग्ध ISI एजेंट मतिराम जाट को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की जांच में सामने आया है कि कोलकाता के मोमिनपुर इलाके की एक दुकान से मतिराम के खाते में 22 हजार रुपये भेजे गए थे। NIA को शक है कि यह मामला टेरर फंडिंग और हवालाकांड से जुड़ा हो सकता है।
सूत्रों के मुताबिक, कोलकाता की एक ही दुकान से चार बार मतिराम को पैसा भेजा गया। पहली बार 13,500, फिर 15,000, उसके बाद 5,000, और अंत में 25 मार्च को 22,000 रुपये भेजे गए। यह आखिरी ट्रांजैक्शन पहलगाम आतंकी हमले से ठीक पहले हुआ था, जिससे NIA का शक और गहराता जा रहा है।
जांच एजेंसी इस बात की जांच कर रही है कि पैसा ई-वॉलेट या बैंक ट्रांसफर से भेजा गया या फिर हवाला नेटवर्क के जरिए पहुंचाया गया। इसी सिलसिले में कोलकाता के तपसिया इलाके के एक होटल में काम करने वाले मोहम्मद वाकिल से NIA ने कई दौर की पूछताछ की है। वाकिल एक पूर्व सैनिक है और वह भी ई-वॉलेट से मतिराम को पैसा भेजता था।
NIA का मानना है कि वाकिल और मोमिनपुर की दुकान से जुड़ा नेटवर्क पाकिस्तानी हैंडलरों के इशारे पर काम कर रहा था। शनिवार को NIA की टीम ने मोमिनपुर की उस दुकान पर छापा मारा, जहां से यह पैसा ट्रांसफर किया गया था। अब दुकान के मालिक को पूछताछ के लिए तलब किया गया है और दुकान के सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है।
NIA को आशंका है कि इस फंडिंग के पीछे कोई स्थानीय मॉड्यूल हो सकता है जो सीधे या अप्रत्यक्ष रूप से ISI नेटवर्क के लिए काम कर रहा है। जांच एजेंसी अब इस पूरे फंडिंग चैनल को खंगाल रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि इस नेटवर्क में कौन-कौन लोग शामिल हैं और क्या यह नेटवर्क देश के अन्य हिस्सों में भी फैला हुआ है।
NIA की पड़ताल का अगला चरण डिजिटल ट्रांजैक्शनों और कॉल रिकॉर्ड की समीक्षा पर केंद्रित है। इस केस ने सुरक्षा एजेंसियों के बीच अलर्ट बढ़ा दिया है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां से हवाला और टेरर फंडिंग की गतिविधियां चल सकती हैं।