India News. जम्मू और कश्मीर विधानसभा में बुधवार को राजौरी जिले के बडाल गांव में हुई रहस्यमयी मौतों का मुद्दा उठाया गया। इस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की मांग की गई है। सदन में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री सकीना इट्टू ने जानकारी दी कि इलाके से एकत्र किए गए नमूनों में विभिन्न विषाक्त पदार्थ पाए गए हैं, लेकिन जांच के परिणाम अभी तक पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हुए हैं।
राजौरी के बडाल गांव में अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनकी मौतें संदिग्ध परिस्थितियों में हुई हैं। इस मुद्दे को विधानसभा में बडाल के विधायक जावेद इकबाल चौधरी ने उठाया और सीबीआई जांच की मांग की। विधायक चौधरी ने आरोप लगाया कि इन मौतों में विषाक्त पदार्थों का उपयोग किया गया है, और ये घटनाएं जम्मू और कश्मीर में शांति को अस्थिर करने की एक साजिश का हिस्सा हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि इन घटनाओं को कुलगाम और कठुआ की घटनाओं से अलग नहीं देखा जाना चाहिए, क्योंकि ये शांति और सद्भाव को नुकसान पहुंचाने की कोशिश हो सकती है।
सुरनकोट के विधायक चौधरी मुहम्मद अकरम ने भी सीबीआई जांच की मांग का समर्थन किया, और माकपा विधायक मुहम्मद यूसुफ तारिगामी ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इन मौतों के पीछे किसी अदृश्य हाथ का काम हो सकता है, और इस पर पर्दा उठाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि यह विडंबना है कि इन मौतों का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है, और ऐसा हो सकता है कि यह घटना कहीं और भी हो।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए स्वास्थ्य मंत्री सकीना इट्टू ने कहा कि राज्य सरकार ने अपनी ओर से पूरी कोशिश की है और गृह विभाग की जांच जारी है। मंत्री ने यह भी बताया कि प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि मौतें किसी संक्रामक बीमारी के कारण नहीं हुईं। चंडीगढ़ के पीजीआईएमईआर ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि मृतकों के शरीर में एल्युमिनियम और कैडमियम के अंश पाए गए हैं। इसके अलावा, सीएफएसएल चंडीगढ़ की रिपोर्ट के अनुसार, सभी मृतकों के विसरा नमूनों में क्लोरफेनेपायर नामक विषाक्त पदार्थ पाया गया है।
यह घटनाएं राजौरी जिले के बडाल गांव में स्थानीय लोगों में डर का माहौल पैदा कर चुकी हैं। फिलहाल, पोस्टमार्टम रिपोर्ट और अन्य जांचों में कोई ठोस निष्कर्ष नहीं निकला है, जिसके कारण इस रहस्यमय घटना को लेकर और भी संदेह उत्पन्न हो रहा है। अब जनता और विधायकों की मांग है कि इस मामले की गहरी और निष्पक्ष जांच की जाए ताकि दोषियों का पता लगाया जा सके और उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जा सके।