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World News: दक्षिण मेक्सिको के ओक्साका राज्य से एक ऐसी खबर आई है जिसने पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया है। प्रशांत महासागर और मेक्सिको की खाड़ी को जोड़ने वाले देश के सबसे महत्वाकांक्षी और नवनिर्मित रेल मार्ग पर एक यात्री ट्रेन ‘मौत का शिकार’ हो गई। आधी रात के सन्नाटे में जब यात्री गहरी नींद में थे, तभी अचानक तेज रफ्तार ट्रेन पटरी से उतर गई। इस रूह कंपा देने वाले हादसे में अब तक 13 मासूम जिंदगियों के खत्म होने की पुष्टि हुई है, जबकि करीब 100 लोग जिंदगी और मौत के बीच अस्पतालों में जंग लड़ रहे हैं।
अंधेरे में मची चीख-पुकार और नौसेना का रेस्क्यू
हादसा इतना भीषण था कि ट्रेन के डिब्बे खिलौनों की तरह एक-दूसरे पर चढ़ गए। घने अंधेरे के कारण शुरुआत में बचाव कार्य में काफी दिक्कतें आईं, लेकिन चीख-पुकार सुनकर स्थानीय ग्रामीण और मेक्सिकन नौसेना के जवान देवदूत बनकर मौके पर पहुंचे। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि डिब्बों के भीतर फंसे लोग मदद के लिए गुहार लगा रहे थे। रेस्क्यू टीम ने गैस कटर की मदद से बोगियों को काटकर घायलों को बाहर निकाला। घायलों में कई बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल हैं, जिन्हें शहर के अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
सुरक्षा मानकों पर उठे गंभीर सवाल
हैरानी की बात यह है कि यह हादसा उस आधुनिक रेलवे प्रोजेक्ट पर हुआ है, जिसका उद्घाटन महज साल भर पहले 2023 में आर्थिक विकास के दावे के साथ किया गया था। इस त्रासदी ने न केवल रेल नेटवर्क की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि तकनीकी मानकों की पोल भी खोल दी है। नवनिर्वाचित राष्ट्रपति क्लाउडिया शीनबाम ने इस घटना पर गहरा दुख जताते हुए नौसेना सचिव को खुद मौके पर रहकर निगरानी करने के सख्त निर्देश दिए हैं।
राष्ट्रपति का शोक और मुआवजे का ऐलान
मेक्सिको सरकार ने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए हर संभव वित्तीय और चिकित्सा सहायता देने का वादा किया है। राष्ट्रपति ने स्पष्ट किया है कि इस लापरवाही के लिए जो भी जिम्मेदार होगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा। फिलहाल घटनास्थल पर जांच दल पहुंच चुका है और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि क्या यह महज एक तकनीकी खराबी थी या रेल की पटरियों के साथ कोई छेड़छाड़ की गई थी। इस भीषण दुर्घटना ने पूरे मेक्सिको को शोक की लहर में डुबो दिया है।
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