India News: देश की रक्षा करते हुए बिहार के सीवान जिले का एक और सपूत, बीएसएफ जवान रामबाबू कुमार पाकिस्तान की कायराना गोलीबारी में शहीद हो गए। वे वसिलपुर गांव (हरिहरपुर पंचायत, बड़हरिया प्रखंड) के निवासी थे। सोमवार देर शाम जब उनके शहादत की सूचना परिवार को मिली, तो पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई।
शहीद रामबाबू कुमार जम्मू-कश्मीर में भारत के अत्याधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम S-400 का संचालन कर रहे थे। उन्होंने हाल ही में 10 अप्रैल को ड्यूटी ज्वाइन की थी। सोमवार को पाकिस्तान की ओर से सीजफायर का उल्लंघन करते हुए की गई गोलीबारी में उन्हें गोली लगी। घायल अवस्था में उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उनकी शहादत हो गई।
परिजनों पर टूटा दुख का पहाड़
शहीद की पत्नी अंजली सिंह, जो धनबाद में एयरपोर्ट पर कार्यरत हैं, गर्भवती हैं। उनके स्वास्थ्य को देखते हुए अभी तक उन्हें पति की शहादत की पूरी जानकारी नहीं दी गई है। रामबाबू के ससुर सुभाष चंद्र शर्मा ने बताया कि सोमवार दोपहर डेढ़ बजे सेना मुख्यालय से कॉल आया, जिसमें बताया गया कि रामबाबू को गोली लगी है। कुछ समय बाद शहादत की खबर मिली।
शहीद के ससुर ने बताया कि सोमवार सुबह रामबाबू की पत्नी अंजली से बातचीत भी हुई थी। उन्होंने अंजली से अपना ख्याल रखने को कहा था। कुछ ही घंटों बाद यह दुखद समाचार आ गया।
राजकीय सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार
शहीद रामबाबू का पार्थिव शरीर बुधवार को उनके पैतृक गांव लाया जाएगा। पहले कश्मीर से दिल्ली, फिर दिल्ली से पटना और अंत में सीवान लाया जाएगा। पटना में राजकीय सम्मान के साथ उनका स्वागत होगा, इसके बाद वसिलपुर गांव में अंतिम संस्कार किया जाएगा।
रामबाबू के पिता रामविचार सिंह पंचायत के पूर्व उप मुखिया रह चुके हैं, जिनका दो वर्ष पूर्व निधन हो चुका है। उनके बड़े भाई अखिलेश सिंह झारखंड के हजारीबाग में लोको पायलट के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने बताया कि रामबाबू 2017 में सेना में भर्ती हुए थे और शुरू से ही देश सेवा का सपना देखा करते थे।
शादी को सिर्फ चार महीने हुए थे
रामबाबू की शादी पिछले साल 14 दिसंबर 2024 को धनबाद निवासी अंजली से हुई थी। शादी के कुछ ही महीने बाद वह ड्यूटी पर लौटे और अब राष्ट्र के लिए बलिदान दे गए। गांव में शोक के साथ गर्व का माहौल भी है। लोग उनके साहस और समर्पण को सलाम कर रहे हैं।