World News: अमेरिका में अंतरराष्ट्रीय उड़ान अचानक रद्द होने और सीमित संचालन की नीति से विमानन कंपनियां अमेरिका छोड़कर भाग रही हैं। अंतरराष्ट्रीय उड़ान में विमानन कंपनियों को घाटा हो रहा है।
घाटे में फंसी विमानन कंपनियां अमेरिका छोड़ रही हैं
यह स्थिति केवल एविएशन सेक्टर कई नही है। अमेरिका का पर्यटन और होटल उद्योग भी गंभीर संकट में आ गया है। कोविड के बाद धीरे-धीरे संभल रही एयरलाइन कंपनियां अब एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय रूट्स पर कटौती कर रही हैं। बढ़ती लागत, घटती मांग और नीतिगत अस्थिरता मुख्य कारण बताया जा रहा है।ट्रंप की वापसी के साथ ही अमेरिका में कई सेक्टर में अनिश्चितता गहराने लगी है।जिससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था में नया तूफान देखने को मिल रहा है।
ट्रंप की वापसी के बाद अमेरिका में आर्थिक तूफान
हाल ही में यूनाइटेड एयरलाइंस, डेल्टा और अमेरिकन एयरलाइंस ने यूरोप, एशिया और मध्य पूर्व की कई उड़ानों को और कुछ उड़ानों को कम कर दिया है। विमानन कंपनियों का तर्क है। वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव, ईंधन की मूल्यवृद्धि और ट्रंप के संरक्षणवादी एजेंडे ने अंतरराष्ट्रीय यात्रा और कारोबार की संभावनाओं को नुकसान पहुंचाया है। यात्रियों की संख्या में लगातार गिरावट से एयरलाइंस अब घाटे में जा रही हैं।
इसका सबसे बड़ा असर अमेरिकी पर्यटन उद्योग पर पड़ा है। विदेशी पर्यटकों की कमी से न्यूयॉर्क, लॉस एंजेलेस, शिकागो और मियामी जैसे बड़े पर्यटन शहरों में होटल और रेस्टोरेंट खाली पड़े हैं। हवाई यात्रियों की संख्या बहुत कम हो गई है। हिल्टन और मेरियट जैसी होटल श्रृंखलाएं अपने स्टाफ की छंटनी कर रही हैं।वहीं कई स्थानीय होटल बंद होने की कगार पर हैं। टैक्सी सर्विस, गाइड्स और अन्य सेवाओं पर भी इसका गहरा असर पड़ा है।
ट्रंप के दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद जिस तरह के नियम कानून में बदलाव किए जा रहे हैं। उनकी संभावित आर्थिक नीतियों ने निवेशकों में चिंता और डर को बढ़ा दिया है। व्यापारिक समझौते, टैरिफ नीति और वीजा नियमों में बदलाव विदेशी कंपनियों पर अधिक टैक्स ने वैश्विक यात्रियों के साथ-साथ दूसरे देशों के जो निवेशक अमेरिका में आकर निवेश कर रहे थे वह भी भाग रहे हैं।
अगर यही हालात रहे, तो अमेरिका का पर्यटन पहले जैसा होना मुश्किल है। विशेषज्ञों का मानना है, अमेरिका को स्थिर और स्पष्ट दीर्घकालीन नीति के माध्यम से पर्यटकों और निवेशकों का भरोसा बहाल करना होगा। वरना घाटा और बेरोजगारी का जो सिलसिला शुरू हुआ है यह आगे और भी बढ़ेगा।