India News: कसबा प्रदर्शन मामले में बड़ा प्रशासनिक बदलाव सामने आया है। आंदोलनकारी को लात मारने के आरोपों में घिरे SI रिटन दास को जांच अधिकारी ( Investigating Officer ) के पद से हटा दिया गया है। अब इस हाई-प्रोफाइल मामले की जिम्मेदारी कसबा थाना में कार्यरत SI संजय सिंह को सौंपी गई है। यह निर्णय कोलकाता पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद लिया गया।
बुधवार को कसबा डीआई कार्यालय के सामने नौकरी से वंचित अभ्यर्थियों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जा रहा था। उसी दौरान एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें ड्यूटी पर तैनात SI रिटन दास को एक प्रदर्शनकारी के पेट पर लात मारते हुए देखा गया। यह वीडियो सामने आने के बाद जनाक्रोश फैल गया और कोलकाता पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठने लगे।
विवाद बढ़ने के बावजूद, प्रारंभ में रिटन दास को ही पूरे मामले की जांच सौंप दी गई थी, जिससे पुलिस विभाग की निष्पक्षता पर सवाल खड़े हुए। इसके चलते विरोध और आलोचना और तेज हो गई। शुक्रवार को आखिरकार पुलिस प्रशासन ने स्पष्ट किया कि रिटन दास को जांच अधिकारी के पद से हटा दिया गया है और अब उनकी जगह SI संजय सिंह इस मामले की जांच करेंगे।
लालबाजार स्थित पुलिस मुख्यालय के सूत्रों के अनुसार, आमतौर पर किसी भी घटना की जांच उस अधिकारी को सौंपी जाती है, जो घटना स्थल पर मौजूद होता है। लेकिन बलात्कार, पोक्सो जैसे संवेदनशील मामलों में यह परंपरा बदल दी जाती है और वरिष्ठ अधिकारियों की सिफारिश पर उपयुक्त जांच अधिकारी को नामित किया जाता है। कसबा कांड में जिस तरह से वीडियो ने सार्वजनिक असंतोष को जन्म दिया, उसे देखते हुए इस बार अपवाद स्वरूप कार्रवाई की गई।
विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, कोलकाता पुलिस आयुक्त मनोज वर्मा ने इस मामले में सीधे हस्तक्षेप किया और संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि रिटन दास को तत्काल जांच से हटाया जाए। इसके बाद संजय सिंह को नए जांच अधिकारी के रूप में नामित किया गया।
अब संजय सिंह के नेतृत्व में मामले की निष्पक्ष जांच की उम्मीद जताई जा रही है। जनता और पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए पुलिस पर भारी दबाव है और सभी की निगाहें इस जांच की दिशा और निष्कर्ष पर टिकी हैं।