India News: महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधी दस्ते (ATS) को बड़ी सफलता मिली है। टीम ने रायगढ़ जिले के खोपोली इलाके से एक ऐसे नक्सली को गिरफ्तार किया है जो बीते 13 वर्षों से फरार चल रहा था। गिरफ्तार नक्सली की पहचान प्रशांत जलिंदर कांबले (44) के रूप में हुई है, जो मूल रूप से पुणे के ताड़ीवाला रोड इलाके का निवासी है।
ATS के अनुसार, प्रशांत कांबले तकनीकी विशेषज्ञ है और उसे उसके जानकार लोग ‘लैपटॉप’ के नाम से भी जानते हैं। कांबले पर 2011 में दर्ज एक नक्सली गतिविधि से जुड़े मामले में एफआईआर दर्ज की गई थी। इस मामले में उसके साथ प्रमुख माओवादी नेता मिलिंद तेलतुम्बडे और एंजेला सोनटक्के के नाम भी शामिल थे। कोर्ट ने कांबले को फरार घोषित किया था और उसके खिलाफ गैर-जमानती वारंट व लुक आउट नोटिस जारी किया गया था।
जानकारी के मुताबिक, कांबले 2010 में मुंबई काम के सिलसिले में निकला था लेकिन इसके बाद वह कभी घर नहीं लौटा। उसके परिवार को भी लंबे समय तक उसकी कोई खबर नहीं मिली। बाद में उसके नक्सली गतिविधियों में शामिल होने की बात सामने आई।
ATS की पुणे यूनिट को हाल ही में विश्वसनीय खुफिया जानकारी मिली कि कांबले रायगढ़ जिले के खोपोली क्षेत्र में छुपा हुआ है। टीम ने रविवार को दबिश देकर उसे हिरासत में लिया। प्रारंभिक पूछताछ और दस्तावेजी सत्यापन के बाद उसकी पहचान की पुष्टि हुई और उसे औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया गया।
जांच में यह भी सामने आया कि कांबले पिछले छह-सात साल से खोपोली में एक सामान्य जीवन जी रहा था और स्थानीय आदिवासी बच्चों को पढ़ाने का काम कर रहा था। वह कंप्यूटर और लैपटॉप मरम्मत का प्रशिक्षण ले चुका था और इसी कौशल के चलते वह लोगों के बीच ‘लैपटॉप’ के नाम से जाना जाता था।
प्रशांत कांबले के कबीर कला मंच से संपर्क की भी पुष्टि हुई है। यह सांस्कृतिक समूह पहले भी नक्सली विचारधारा से जुड़े होने के संदेह में जांच के घेरे में रह चुका है। ATS ने कांबले को मुंबई की अदालत में पेश किया, जहां से उसे 13 मई तक ATS की हिरासत में भेज दिया गया है।
मामले की गहन जांच पुणे के बंडगार्डन पुलिस स्टेशन की टीम कर रही है, जो यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि कांबले की गतिविधियों का दायरा कितना विस्तृत था और वह किस स्तर तक नक्सली नेटवर्क से जुड़ा हुआ था।