Health News: आयुर्वेद में कहा गया है कि बढ़ती उम्र के साथ वात दोष हावी हो जाता है, जिससे शरीर में सूखापन, जकड़न और मांसपेशियों में खिंचाव बढ़ जाता है। यही कारण है कि उम्र ढलने के साथ जब पैरों की ताकत घटती है तो यह केवल चलने-फिरने की क्षमता को ही प्रभावित नहीं करता, बल्कि जीवन का संपूर्ण संतुलन भी बिगाड़ सकता है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि लेग क्रैम्प्स यानी पैरों में अचानक कसाव या दर्द, बढ़ती उम्र के लोगों के लिए एक चेतावनी संकेत हो सकते हैं। खासकर 60 वर्ष से ऊपर के लोग या उनके माता-पिता और दादा-दादी, जिन्हें रात में या हल्की वॉक के बाद भी पैरों में खिंचाव महसूस होता है, उन्हें इस संकेत को हल्के में नहीं लेना चाहिए। क्रैम्प्स केवल मांसपेशियों की कमजोरी नहीं, बल्कि शरीर में किसी बड़े असंतुलन का प्रतीक हो सकते हैं। लेग क्रैम्प्स के पीछे कई संभावित कारण हो सकते हैं। इनमें पेरिफेरल आर्टरी डिजीज (पीएडी) प्रमुख है, जिसमें धमनियां सिकुड़ने लगती हैं और ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है। अध्ययनों में पाया गया है कि पीएडी वाले 15–30 प्रतिशत लोग आगे चलकर हार्ट डिजीज के शिकार हो जाते हैं।
इसके अलावा पोटैशियम, कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे मिनरल्स की कमी, धीमा ब्लड सर्कुलेशन, डायबिटीज या अन्य कारणों से नसों का कमजोर होना, और कुछ दवाओं जैसे डायरेटिक्स या कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवाओं का असर भी क्रैम्प्स का कारण बन सकता है। हालांकि लेग क्रैम्प्स को कुछ आसान उपायों से मैनेज किया जा सकता है। सोने से पहले हल्की स्ट्रेचिंग, खासकर काफ और हैमस्ट्रिंग मसल्स की, मांसपेशियों को आराम देती है। तिल, जैतून का तेल या घी से मालिश करने पर रक्त प्रवाह सुधरता है। दिनभर में छोटी-छोटी वॉक करने और लंबे समय तक बैठे रहने से बचने से भी राहत मिलती है। पर्याप्त मात्रा में पानी पीना और दवाइयों के साइड इफेक्ट्स के लिए डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है।
आयुर्वेद में आहार को इस समस्या से निपटने का बड़ा हथियार माना गया है। केला और भीगा हुआ मुनक्का पोटैशियम, मैग्नीशियम और आयरन का बेहतरीन स्रोत है, जो मांसपेशियों को मजबूती देता है। तिल, जिसमें प्राकृतिक कैल्शियम और मैग्नीशियम पाया जाता है, वात दोष को नियंत्रित कर जोड़ो को मजबूत करता है। वहीं, हल्दी वाला दूध यानी गोल्डन मिल्क एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुणों से युक्त है और रात को पीने से क्रैम्प्स कम करने के साथ नींद में भी मदद करता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि लेग क्रैम्प्स को कभी भी साधारण समस्या मानकर नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

