Jharkhand News: भाकपा माओवादी नक्सली संगठन को उस समय बड़ा झटका लगा जब उसके दो सक्रिय सदस्य अमरजीत बृजिया और मिथिलेश कोरबा ने मंगलवार को लातेहार पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। यह आत्मसमर्पण लातेहार पुलिस अधीक्षक (एसपी) कुमार गौरव और सीआरपीएफ के कमांडेंट यादराम बुनकर की उपस्थिति में हुआ। पुलिस अधीक्षक कार्यालय में आयोजित एक सादे समारोह में दोनों नक्सलियों का माला पहनाकर स्वागत किया गया।
अमरजीत बृजिया और मिथिलेश कोरबा मूल रूप से छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के रहने वाले हैं, लेकिन ये दोनों झारखंड के लातेहार जिले के बूढ़ा पहाड़ सहित अन्य उग्रवाद प्रभावित इलाकों में लंबे समय से सक्रिय थे। एसपी कुमार गौरव ने जानकारी दी कि दोनों नक्सली कुख्यात नक्सली कमांडर छोटू खरवार के दस्ते में शामिल थे। इन पर लातेहार के छिपादोहर थाना क्षेत्र में कई नक्सली घटनाओं में शामिल होने के आरोप हैं और पुलिस को इनकी लंबे समय से तलाश थी।
एसपी ने बताया कि पुलिस और सुरक्षा बलों द्वारा चलाए जा रहे सतत अभियानों के चलते नक्सलियों का मनोबल टूटा है। नक्सली अब कमजोर स्थिति में आ गए हैं, जिससे वे आत्मसमर्पण का रास्ता चुनने लगे हैं। झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर अमरजीत और मिथिलेश ने भी आत्मसमर्पण करने का निर्णय लिया।
समारोह के दौरान एसपी ने जिले के अन्य सक्रिय नक्सलियों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि अब उनके पास अंतिम मौका है। उन्होंने कहा, “या तो वे आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटें या फिर पुलिस की कार्रवाई में मारे जाएं।” सीआरपीएफ कमांडेंट यादराम बुनकर ने भी कहा कि यह नक्सलियों के लिए अंतिम वर्ष साबित होने वाला है और उन्हें आत्मसमर्पण का विकल्प जल्द से जल्द चुनना चाहिए।
सरकार की पुनर्वास नीति के तहत आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को सुरक्षा, पुनर्वास और रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएंगे। इससे यह उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में और भी नक्सली मुख्यधारा से जुड़ेंगे।