Bihar News: बिहार विकास के एक नए अध्याय की ओर बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 22 अगस्त को राज्य को एक ऐतिहासिक सौगात देने वाले हैं। वे बेगूसराय जिले में गंगा नदी पर बने औंटा-सिमरिया सिक्स लेन पुल का लोकार्पण करेंगे। यह पुल न केवल बिहार बल्कि पूरे पूर्वोत्तर भारत के लिए संपर्क और व्यापार का नया द्वार साबित होगा।
बिहार को मिलेगा पहला सिक्स लेन पुल, पीएम मोदी करेंगे लोकार्पण
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
प्रधानमंत्री के आगमन को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। पटना एयरपोर्ट और कार्यक्रम स्थलों के पांच किलोमीटर के दायरे को ‘टेंपररी रेड जोन’ घोषित किया गया है। इस क्षेत्र में ड्रोन, हॉट एयर बैलून, पारा ग्लाइडिंग और किसी भी तरह के उड़ने वाले उपकरणों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। आदेश का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। इसके साथ ही, एनटीपीसी से औंटा तक के मार्ग को रेड ज़ोन घोषित कर विशेष वैकल्पिक मार्ग निर्धारित किए गए हैं ताकि यातायात पर असर न पड़े।
7 साल में बना भव्य पुल
गंगा नदी पर बना यह औंटा-सिमरिया पुल बिहार का पहला सिक्स लेन पुल है। इसका निर्माण कार्य लगभग सात साल पहले शुरू हुआ था और अब यह पूरी तरह तैयार हो गया है। कुल 1,871 करोड़ रुपये की लागत से बने इस आधुनिक पुल को एक्स्ट्रा-डोसेड तकनीक से बनाया गया है, जो मजबूती और टिकाऊपन का उत्कृष्ट उदाहरण है।
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के मुताबिक, पुल की कुल लंबाई 8.15 किलोमीटर है। इसमें 1.865 किलोमीटर लंबा मुख्य पुल और 6.285 किलोमीटर लंबा अप्रोच रोड शामिल है। यह पुल मोकामा के औंट घाट को बेगूसराय के सिमरिया से जोड़ता है, जिससे उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच तेज और सुगम आवागमन सुनिश्चित होगा।
व्यापार और उद्योग को मिलेगा बड़ा फायदा
बिहार सरकार के पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने बुधवार को पुल का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि यह पुल न केवल बिहार बल्कि पूर्वोत्तर राज्यों तक संपर्क को मजबूत करेगा। इससे उद्योग और व्यापार को नई गति मिलेगी। मंत्री ने इसे राज्य के आर्थिक विकास में एक मील का पत्थर बताया।
बेगूसराय के सांसद और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी पुल को प्रधानमंत्री मोदी की बड़ी सौगात करार दिया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने बेगूसराय को नया एनटीपीसी, नया फर्टिलाइजर और नई रिफाइनरी दी। अब यह सिक्स लेन पुल उस विकास यात्रा में एक और ऐतिहासिक कदम है।
इतिहास से जुड़े किस्से
सिमरिया पुल के बनने से पहले लोग गंगा नदी पार करने के लिए राजेंद्र पुल पर निर्भर रहते थे। राजेंद्र पुल का निर्माण 1950 में शुरू हुआ था और 1959 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने इसका उद्घाटन किया था। करीब सात दशक पुराना यह पुल अब मरम्मत के दौर से गुजर रहा है और भारी वाहनों की आवाजाही उस पर प्रतिबंधित है।
औंटा-सिमरिया सिक्स लेन पुल उसी राजेंद्र पुल के समानांतर बनाया गया है। इससे न केवल लोगों को जाम से मुक्ति मिलेगी बल्कि भारी वाहनों के लिए भी एक मजबूत और टिकाऊ विकल्प उपलब्ध होगा।
बिहार के लिए विकास का नया अध्याय
विशेषज्ञ मानते हैं कि यह पुल बिहार के सामाजिक और आर्थिक ढांचे को मजबूत करेगा। गंगा नदी पर बने इस आधुनिक महासेतु से यात्रा का समय कम होगा, उद्योगों की आवाजाही सुगम होगी और उत्तर तथा दक्षिण बिहार के बीच संपर्क और मजबूत होगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों इसका उद्घाटन बिहार के लिए गौरव का क्षण होगा। यह पुल आने वाले वर्षों में विकास और प्रगति का प्रतीक बनकर पूरे क्षेत्र की तस्वीर बदल देगा।

