Health News: केरल में खतरनाक ब्रेन ईटिंग अमीबा का कहर बढ़ता जा रहा है। अब तक 67 लोग संक्रमित हो चुके हैं और लगभग 19 की मौत हो चुकी है। हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो यह अमीबा तालाब, जलाशयों और स्विमिंग पूल के दूषित पानी में पाया जाता है और स्विमिंग, डाइविंग या नहाने के दौरान नाक के जरिए इंसान के दिमाग तक पहुंच सकता है।
नाक से ही दिमाग तक पहुंचता है खतरनाक अमीबा
ब्रेन ईटिंग अमीबा का वैज्ञानिक नाम Naegleria fowleri है। यह एक घातक अमीबा है जो दिमाग की कोशिकाओं को नष्ट कर देता है और जानलेवा इंफेक्शन पैदा करता है। विशेषज्ञ बताते हैं कि यह अमीबा सिर्फ नाक के रास्ते ही दिमाग तक पहुंच सकता है। अगर संक्रमित पानी पी भी लिया जाए तो अमीबा पेट के एसिड में नष्ट हो जाएगा। इसलिए साफ और फिल्टर किया हुआ पीने का पानी सुरक्षित माना जाता है।
गर्मी के मौसम में जब तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से ऊपर होता है और पानी का स्रोत रुका या गर्म हो, तो यह अमीबा तेजी से बढ़ता है। तालाब, झील या बिना साफ किए टैंकों में नहाना खतरनाक हो सकता है। स्विमिंग, डाइविंग या तालाब में नहाने के बाद सिरदर्द, बुखार, जी मिचलाने और उल्टी जैसे लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
तालाब और स्विमिंग पूल में सावधानी जरूरी
बचाव के लिए नाक में दूषित पानी जाने से बचाना बेहद जरूरी है। स्विमिंग या डाइविंग के दौरान नाक को बंद रखें या नाक क्लिप का इस्तेमाल करें। घरेलू पानी की टंकी की नियमित सफाई करें और पीने के लिए हमेशा फिल्टर या उबला पानी ही इस्तेमाल करें। नेजल क्लीनिंग के दौरान साधारण नल का पानी न उपयोग करें; डिस्टिल्ड या उबला और ठंडा किया हुआ पानी ही प्रयोग करें। छोटे बच्चों को भी तालाब या दूषित पानी में खेलने से रोकें।
डॉक्टर्स का कहना है कि ब्रेन ईटिंग अमीबा से संक्रमण दुर्लभ है, लेकिन यह बेहद खतरनाक होता है। समय रहते सावधानी और उचित इलाज ही जीवन रक्षक हो सकता है।

