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Ranchi News: झारखंड पुलिस के नए महानिदेशक (DGP) की नियुक्ति को लेकर चल रहा सस्पेंस अब अपने अंतिम पड़ाव पर है। 31 दिसंबर को वर्तमान प्रभारी डीजीपी तदाशा मिश्रा सेवानिवृत्त हो रही हैं और सूत्रों की मानें तो उन्हें सेवा विस्तार मिलने की कोई संभावना नहीं है। ऐसे में 1 जनवरी 2026 की सुबह झारखंड पुलिस को अपना नया स्थाई कप्तान मिल जाएगा। महत्वपूर्ण बात यह है कि डीजीपी की नियुक्ति के लिए अब तक आईपीएस अधिकारियों के नामों का पैनल संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को नहीं भेजा गया है। ऐसे में यह लगभग तय माना जा रहा है कि राज्य सरकार फरवरी 2025 में गठित ‘झारखंड पुलिस महानिदेशक के चयन और नियुक्ति नियमावली–2024’ के तहत ही नए डीजीपी की नियुक्ति करेगी।
रेस में तीन दिग्गज IPS; अनुभव और योग्यता बनेगा चयन का आधार
नए डीजीपी की कुर्सी के लिए वर्तमान में तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के नाम सबसे ज्यादा चर्चा में हैं। पहले नंबर पर 1990 बैच के अनिल पालटा हैं, जो फिलहाल रेल डीजी के पद पर तैनात हैं। दूसरे प्रबल दावेदार 1992 बैच के प्रशांत सिंह (डीजी वायरलेस) हैं और तीसरे नंबर पर मनविंदर सिंह भाटिया (डीजी होमगार्ड एंड फायर सर्विस) का नाम मजबूती से उभर रहा है। इन तीनों ही अधिकारियों का सर्विस रिकॉर्ड और पुलिस बल का नेतृत्व करने का अनुभव काफी प्रभावशाली रहा है, जिससे चयन समिति के लिए फैसला लेना चुनौतीपूर्ण होगा।
UPSC नहीं, अब ‘नाम निर्देशन समिति’ करेगी फैसला; बदली चयन प्रक्रिया
झारखंड सरकार ने फरवरी 2025 में डीजीपी के चयन के लिए अपनी नई नियमावली-2024 को मंजूरी दी थी। पुरानी व्यवस्था में सरकार को पैनल संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) भेजना पड़ता था, लेकिन नई व्यवस्था के तहत राज्य स्तर पर ही छह सदस्यीय ‘नाम निर्देशन समिति’ गठित की गई है। इसकी अध्यक्षता हाईकोर्ट के एक रिटायर्ड जस्टिस करेंगे। समिति में मुख्य सचिव, जेपीएससी अध्यक्ष और एक रिटायर्ड डीजीपी सदस्य के रूप में शामिल होंगे। यह समिति 3 से 5 अधिकारियों का पैनल बनाएगी, जिसमें से मुख्यमंत्री अंतिम नाम पर मुहर लगाएंगे।
दो साल का होगा कार्यकाल; योग्यता और उपलब्धियों पर मिलेगी कमान
नई नियमावली के अनुसार, नियुक्त होने वाले डीजीपी का कार्यकाल कम से कम दो वर्षों का होगा। चयन के लिए अधिकारी का सेवा इतिहास, मेडल, प्रशंसा पत्र और उनकी विशिष्ट उपलब्धियों को परखा जाएगा। वर्तमान प्रभारी डीजीपी तदाशा मिश्रा, जिन्हें अनुराग गुप्ता की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के बाद कमान सौंपी गई थी, उनका कार्यकाल 31 दिसंबर को समाप्त हो रहा है। ऐसे में नए साल का सूरज झारखंड पुलिस के लिए नए नेतृत्व की किरण लेकर आएगा। अब देखना यह है कि सीएम हेमंत सोरेन किस अधिकारी के कंधे पर राज्य की कानून व्यवस्था की कमान सौंपते हैं।
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