Ranchi News: झारखंड में स्थानीय निकाय चुनाव को लेकर एक बार फिर बड़ा कानूनी घटनाक्रम सामने आया है। झारखंड उच्च न्यायालय ने आदेश का पालन न करने पर कड़ा रुख अपनाते हुए राज्य की मुख्य सचिव अलका तिवारी, वरिष्ठ आईएएस अधिकारी वंदना दादेल और नगर विकास विभाग के पूर्व सचिव विनय चौबे के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी किया है।
बुधवार को जस्टिस आनंद सेन की अदालत में इस मामले की सुनवाई हुई। अदालत ने राज्य सरकार और संबंधित अधिकारियों से पूछा कि आखिर क्यों अब तक न्यायालय के पूर्व आदेशों का पालन नहीं किया गया। अदालत ने स्पष्ट कहा कि कोर्ट के निर्देशों की अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसी आधार पर तीनों अधिकारियों को अवमानना का नोटिस जारी किया गया है।
अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 14 अक्टूबर की तारीख तय की है। उस दिन अदालत इन अधिकारियों के खिलाफ औपचारिक रूप से आरोप तय करेगी। इससे साफ है कि अगर अधिकारियों की ओर से ठोस जवाब नहीं दिया गया तो मामला और गंभीर हो सकता है।
यह मामला निवर्तमान पार्षद रौशनी खलखो द्वारा दायर अवमानना याचिका से जुड़ा है। उनकी ओर से अधिवक्ता विनोद सिंह ने अदालत में पक्ष रखा। याचिका में कहा गया है कि स्थानीय निकाय चुनाव को लेकर हाईकोर्ट के पूर्व आदेशों का पालन राज्य सरकार और उसके अधिकारी नहीं कर रहे हैं, जिससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया प्रभावित हो रही है।
गौरतलब है कि झारखंड में लंबे समय से स्थानीय निकाय चुनाव टलते रहे हैं। इस मामले में न्यायालय ने पहले ही स्पष्ट निर्देश जारी किए थे, लेकिन उनके अनुपालन में लापरवाही देखने को मिली। अब अदालत का सख्त रुख राज्य सरकार और अधिकारियों के लिए बड़ी चुनौती बन सकता है।
इस घटनाक्रम के बाद राज्य की राजनीति और नौकरशाही दोनों में हलचल तेज हो गई है। सबकी निगाहें अब 14 अक्टूबर को होने वाली अगली सुनवाई पर टिकी हैं, जिसमें कोर्ट की मंशा और ज्यादा साफ हो जाएगी।

