Ranchi : झारखंड छात्र संघ के अध्यक्ष एस अली ने राज्य सरकार से आग्रह किया है कि आगामी 11 नवम्बर 2025 को स्वतंत्रता सेनानी एवं भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आज़ाद की जयंती के अवसर पर राज्य के सभी शैक्षणिक संस्थानों में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाने का औपचारिक निर्देश जारी किया जाए।

उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने सितंबर 2008 में सभी राज्यों को अपने-अपने शैक्षणिक संस्थानों में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाने का निर्देश दिया था। लेकिन, अफसोस की बात है कि झारखंड को छोड़कर लगभग सभी राज्य इस दिवस को धूमधाम से मनाते हैं, जबकि यहां इसे केवल खानापूर्ति के रूप में निभाया जाता है।

एस अली ने बताया कि वर्ष 2016 और 2017 में भी भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय (अब शिक्षा मंत्रालय) ने झारखंड सरकार को इस संबंध में स्पष्ट निर्देश भेजे थे, मगर अब तक इसका समुचित अनुपालन नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग और स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग इस दिशा में गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं, जिससे छात्रों में इस ऐतिहासिक दिवस के प्रति जागरूकता नहीं बन पा रही है।

छात्र नेता एस अली ने इस संदर्भ में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, उच्च शिक्षा मंत्री, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री, अल्पसंख्यक आयोग, विभागीय सचिव, निदेशक, विश्वविद्यालयों के कुलपति तथा रांची जिला के डीईओ और डीएसई को पत्र भेजकर राज्य के सभी शैक्षणिक संस्थानों में 11 नवम्बर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाने के लिए दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की है।

एस अली, अध्यक्ष, झारखंड छात्र संघ

उन्होंने कहा कि यह दिवस छात्रों और युवाओं के लिए अत्यंत प्रेरणादायक है, क्योंकि मौलाना अबुल कलाम आज़ाद ने स्वतंत्र भारत में शिक्षा की नींव रखी और देश में सर्व शिक्षा अभियान, सांस्कृतिक एकता तथा वैज्ञानिक दृष्टिकोण के प्रसार के लिए असाधारण योगदान दिया।

एस अली ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं हर वर्ष इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों में भाग लेते हैं। वर्ष 2024 में दिल्ली में इसे धूमधाम से मनाया गया, इसलिए झारखंड सरकार को भी यह सुनिश्चित करना चाहिए कि राज्य के हर विद्यालय, कॉलेज और विश्वविद्यालय में इस वर्ष राष्ट्रीय शिक्षा दिवस गरिमा और श्रद्धा के साथ मनाया जाए।

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