India News: भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु नदी जल बंटवारे को लेकर स्थिति और भी गंभीर होती जा रही है। भारत ने हाल ही में सिंधु नदी के पानी को पाकिस्तान में भेजने वाले चार चैनलों में से एक चैनल को पूरी तरह से बंद कर दिया है। इस कदम के साथ भारत ने उसका वीडियो भी जारी किया है। पाकिस्तान के विशेषज्ञों का कहना है कि अगर भारत सिर्फ 10% पानी सिंधु नदी से रोक देता है, तो पाकिस्तान की 30% भूमि बंजर हो जाएगी। अगर यह आंकड़ा 20% तक पहुंच जाए, तो पाकिस्तान के प्रमुख शहर जैसे मुल्तान और लाहौर में पेयजल संकट उत्पन्न हो जाएगा। और अगर भारत आधा पानी भी बंद कर देता है, तो पाकिस्तान में कृषि संकट पैदा होगा और हाहाकार मच जाएगा।
यह स्थिति इतनी गंभीर होगी कि बिना किसी मिसाइल के ही भारत पाकिस्तान में लाखों लोगों की जिंदगी को प्रभावित कर सकता है। सिंधु नदी समझौते की प्रस्तावना में यह स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया था कि यह समझौता सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाए रखने के लिए किया गया था। भारत और पाकिस्तान के बीच शांति बनाए रखने के उद्देश्य से यह नदी जल बटवारा समझौता जरूरी था।
लेकिन अब भारत ने विश्व बैंक को यह बता दिया है कि जब वातावरण सौहार्दपूर्ण नहीं रहेगा, तो भारत को इस समझौते को सस्पेंड या रद्द करने का अधिकार है। पाकिस्तान जो अब तक भारत के इस कदम को चुनौती दे रहा था, वह शायद इस कंडीशन को नजरअंदाज कर रहा था, जिसमें सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाए रखने की शर्त शामिल है।
इसके अलावा, वर्तमान में भारत के सिंधु नदी बेसिन के सारे रिजर्वायर सूख चुके हैं, और भारत अब उन रिजर्वायर को भरने की प्रक्रिया में है। यह उम्मीद जताई जा रही है कि भविष्य में सिंधु नदी को सतलज नदी से जोड़ा जाएगा, और अगर सतलज को श्रीगंगानगर होते हुए महीसागर नदी से जोड़ा गया, तो पंजाब, राजस्थान, मध्यप्रदेश और गुजरात जैसे क्षेत्रों को पर्याप्त पानी मिल सकता है।
यह स्थिति पाकिस्तान के लिए गंभीर संकेत दे रही है और इस मुद्दे पर दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ सकता है।