Patna News: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एनडीए गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर खींचतान तेज हो गई है। हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने बड़ा अल्टीमेटम देकर सियासी हलचल मचा दी है। मांझी ने साफ कहा कि अगर उनकी पार्टी को 15 सीटें नहीं दी गईं, तो वे अकेले ही 100 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे।
15 नहीं मिलीं तो 100 सीटों पर अकेले लड़ेंगे चुनाव
बोधगया में मीडिया से बातचीत के दौरान मांझी ने कहा कि बिहार की हर विधानसभा सीट पर उनकी पार्टी के 10 से 15 हजार वोटर हैं। ऐसे में उनकी पार्टी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि इस बार उनका लक्ष्य हर हाल में मान्यता प्राप्त दल बनना है। इसके लिए कम से कम आठ सीटों पर जीत और कुल वोटों में छह फीसदी हिस्सेदारी जरूरी है। मांझी ने कहा कि पार्टी को बने हुए 10 साल हो चुके हैं और अब तक निबंधित पार्टी बने रहना उनके लिए अपमानजनक है।
मांझी के इस बयान ने एनडीए के सहयोगियों बीजेपी और जेडीयू के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। सीट बंटवारे पर बातचीत शुरू होने से पहले ही उन्होंने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। राजनीतिक हलकों में इसे एनडीए पर दबाव बनाने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है।
गौरतलब है कि एनडीए में बीजेपी और जेडीयू के अलावा चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), जीतनराम मांझी की हम और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (आरएलएम) शामिल हैं। ऐसे में सीटों का बंटवारा सभी सहयोगियों के बीच बड़ी चुनौती बना हुआ है।
इससे पहले भी मांझी ने दावा किया था कि उनकी पार्टी को 20 से 40 सीटें मिलनी चाहिए। अब वे 15 सीटों पर अड़ गए हैं। उनके हालिया बयान से यह साफ हो गया है कि हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा इस बार किसी भी हाल में अपनी ताकत दिखाने के मूड में है।
बिहार में इस समय चुनावी माहौल गर्म है और मांझी के इस रुख से एनडीए में नई उथल-पुथल मच गई है। अब देखना होगा कि बीजेपी और जेडीयू उनके इस अल्टीमेटम पर क्या रुख अपनाते हैं।

